एक बुलबुल मक्कई के खेत में रहती थी। वह हमेशा चिंतित रहती थी क्योंकि फसल काटने का समय हो गया था। और उसके बच्चे अभी उड़ नहीं सकते थे।
हमेशा बाहर जाने से पहले वह बच्चों को समझाती- “जो कुछ तुम्हारे आस-पास घटित हो, उसे ध्यान से देखो और सुनो।” एक शाम जब वह लौटी, उसने देखा उसके बच्चे घबराये हुए थे।
बच्चों ने कहा-“किसान ने फसल काटने के लिए अपने बच्चों से अपने दोस्तों को बुलाने को कहा है।” यह सुन बुलबुल बिना घबराए अपने बच्चों से बोली-“डरो नहीं, कल खेत में कोई भी नहीं आएगा।”
अगले दिन वास्तव में कोई नहीं आया। ऐसे ही कई दिन गुज़र गए। एक दिन किसान ने अपने बच्चों से कहा- “अब हम और इंतज़ार नहीं कर सकते। यह हमारा काम है, इसलिए इसे हम अपने दोस्तों पर नहीं छोड़ सकते।
कल हम अपनी फसल खुद काटेंगे।” यह सुनते ही बुलबुल समझ गई, किसान कल फसल काटने ज़रूर आएगा। इसलिए वह अपने बच्चों के साथ उड़कर दूर चली गई।