Breaking News

स्त्री पर बुरी नजर विनाश का रास्ता हैं !!

राक्षस कंभ और उसकी राक्षसी सेना ने भगवान शिव की गहरी तपस्या की और कई पूण्य प्राप्त किये | अंत में भगवान ने राक्षस कंभ को दर्शन दिए और मन चाहा फल मांगने को कहा | राक्षस ने बलवान, यशस्वी होने का आशीर्वाद माँगा | भगवान शिव ने प्रसन्न होकर राक्षस को आशीर्वाद दिया |

घमंड में चूर राक्षस ने स्वर्ग पर हमला कर सभी देवताओं को हरा दिया और स्वर्ग पर कब्ज़ा कर लिया | तब देवता मारे- मारे फिरने लगे | तब उन्हें नारद मुनि मिले | उनकी सलाह पर इंद्र देवता दत्तात्रेय के पास गये और अपनी करुण कथा का बखान किया | दत्तात्रेय ने मुस्कुराकर देवराज इंद्र से कहा – हे इंद्र ! तुम कुछ भी करके राक्षस कम्भ को मेरे पास भेज दो | उसके बाद तुम्हारी समस्या का अंत निश्चित हैं |

देवराज ने यही किया | किसी तरह से कंभ को भगवान दत्तात्रेय के पास भेजा | उस वक्त दत्तात्रेय के साथ माता लक्ष्मी बैठी थी | जिन्हें देख राक्षस मंत्र मुग्ध हो गया और उनका हरण कर राक्षस कम्भ उन्हें अपने साथ ले गया | यह देख देवराज ने परेशान होकर भगवान् से पूछा – यह क्या हो रहा हैं | आप कुछ करते क्यूँ नहीं | भगवान ने कहा – तुम्हारे कारण हुआ | तुम ही जाओ और माता लक्ष्मी को सही सलामत लाओ | इंद्र ने कहा कम्भ को भगवान् शिव का आशीर्वाद प्राप्त हैं | देवता उसे नहीं हरा सकते | तब भगवान् ने कहा – राक्षस कम्भ ने भावनाओं में बहकर परे स्त्री का स्पर्श किया हैं और उनकी इच्छा विरुद्ध उनका अपहरण किया हैं | अब उसके सारे पूण्य पाप में बदल चुके हैं | वह अत्यंत ही निसहाय हैं और निर्बल हैं | अतएव यह उपयुक्त समय हैं | उस पर हमला करो और माता लक्ष्मी के साथ इन्द्रलोक को भी पा लो |

शिक्षा

पराई स्त्री पर बुरी नजर रखने वाला कितना ही बड़ा पंडित क्यूँ ना हो वो पाप का भागी होता हैं | और उन जैसो का साथ देने वाले भी उतना ही भोगते हैं |

अब बुराई की सीमा ने सभी बंधन तोड़ दिए हैं और इस कलयुग का अंत नजदीक हैं इसलिए आज कल महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं क्यूंकि महिलायें ही दुनियाँ को पापियों से मुक्त करा सकती हैं |

स्त्री पर बुरी नजर विनाश का रास्ता हैं आज के वक्त का सच हैं | दुनियाँ कितना भी लड़कियों में बुराई निकाल दे या उसे हर बात के लिए जिम्मेदार बोले लेकिन ईश्वर के न्याय में अपराधी उसी वक्त सजा के लिए नियति बना बैठता हैं भले उसने कितने ही पूण्य किये हो वो उसी वक्त पाप में बदल जाते हैं | स्त्री को देवी का स्थान ऐसे ही नहीं दिया गया हैं श्रृष्टि के सृजन में नारी का अमूल्य योगदान हैं |

Check Also

pakshi-budiyaa

बेजुबान रिश्ता

आँगन को सुखद बनाने वाली सरिता जी ने अपने खराब अमरूद के पेड़ की सेवा करते हुए प्यार से बच्चों को पाला, जिससे उन्हें ना सिर्फ खुशी मिली, बल्कि एक दिन उस पेड़ ने उनकी जान बचाई। इस दिलचस्प कहानी में रिश्तों की महत्वपूर्णता को छूने का संदेश है।