दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं धर्म के बारे में। धर्म ही हमें जीना सिखाता है, हमें सही मार्ग पर चलना सिखाता है। या फिर कह सकते हैं कि धर्म इंसान के लिए ही बना है। संसार में बहुत सारे धर्म हैं। सभी धर्म हमें इंसानियत सिखाते हैं। धर्म कोई भी हो हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। …
Read More »Daily Archives: July 3, 2017
पढ़िए नयनों की भाषा
एक युवक किसी सामान्य नौकरी की आकांक्षा लिए सर श्रीराम के पास पहुंचा। उन्होंनें उस युवक की आंखों की तरफ देखा और कुछ क्षण बाद बोले, यद्यपि तुम्हारी प्रतिभा और योग्यता उस पद से अधिक है, तथापि मैं तुम्हें अपनी मिल के एक विभाग का मैनेजर नियुक्त करता हूं। आनंद से विभोर उस युवक की आंखें खुशी के आंसु …
Read More »हतोत्साहित मन होता है पराजय की पहली सीढ़ी
महाभारत का युद्ध चल रहा था। एक ओर अर्जुन थे, जिनके सारथी थे ‘श्री कृष्ण’। तो दूसरी ओर कर्ण थे और उनका सारथी ‘शल्य’। भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण के सारथी से कहा- ‘तुम हमारे विरुद्ध जरूर लड़ना पर मेरी एक बात जरूर मानना।’ जब कर्ण प्रहार करे तब कहना कि, ‘यह भी कोई प्रहार होता है, तुम प्रहार करना …
Read More »हमारे आसपास हैं ये तीन डाकू
बहुत पुरानी बात है। एक समय जंगल से एक यात्री अपनी मंजिल की ओर जा रहा था। अचानक उसे तीन डाकुओं ने घेर लिया और उसका सारा धन लूट लिया। उस व्यक्ति को लूट लेने के बाद एक डाकू बोला,’अब इस आदमी को जिंदा छोड़ देने से क्या लाभ?’यह कहकर उसने म्यान से तलवार खींच ली।तब दूसरे डाकू ने उसे …
Read More »परिश्रम में मिलाइए अभ्यास का रंग
युनान के डिमास्थनीज बोलने में न केवल तुतलाते थे, बल्कि हकलाते भी थे। एक दिन वह अपने शहर की सभा में एक प्रसिद्ध वक्ता का भाषण सुनकर वह बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने मन ही मन अच्छा वक्ता बनने का संकल्प लिया। वह जानते थे कि उनकी तुतलाहट और हकलाहट करियर के रास्ते में परेशानी खड़ी करेंगे। लेकिन उन्हें यह …
Read More »मुश्किल है इस जहां में इनको तलाशना
एक दार्शनिक थे। वह चिंतन में लीन रहते थे। बोलते थे, तो बड़ी गहरी बात कहते थे। इससे लोग उनका बहुत मान-सम्मान किया करते थे। लेकिन कभी-कभी उनकी बातें अजीब-सी होती थीं, और वो स्वयं अपनी ही बातों पर हंसी नहीं रोक पाते थे। एक दिन लोगों ने देखा कि दार्शनिक महोदय हाथ में जलती लालटेन लए कहीं जा रहे …
Read More »एक तमाचा, वो जिंदगी भर नहीं भुला सका
एक बार दो दोस्त रेगिस्तान के रास्ते अपने घर जा रहे थे। रास्ते में दोनों में कुछ कहा-सुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई की उनमे से एक मित्र ने दूसरे के गाल पर जोर से तमाचा मार दिया। जिस मित्र को तमाचा पड़ा उसे दुःख तो बहुत हुआ किंतु उसने कुछ नहीं कहा। वह झुका और उसने वहां रेत …
Read More »इस महान व्यक्ति ने जब दिया अपनी महानता का परिचय
नेपोलियन बोनापार्ट कहीं जा रहा था। रास्ते में उसकी नजर एक दृश्य पर पड़ी। वह रुक गया। उसने देखा कई कुली मिलकर भारी खंभों को उठाने का प्रयास कर रहे हैं। पास में ही खड़ा एक व्यक्ति उन्हें तरह- तरह के निर्देश दे रहा है। नेपोलियन ने उस आदमी के करीब जाकर कहा, ‘भला आप क्यों नहीं इन बेचरों की …
Read More »आत्मा भी करती है भोजन
प्रार्थना सभा के बाद एक वकील ने महात्मा गांधी से पूछा, ‘आप प्रार्थना में जितना समय व्यतीत करते हैं, अगर उतना ही समय देश सेवा में लगाया होता, तो अभी तक कितनी सेवा हो जाती?’ गांधी जी गंभीर हो गए और बोले, वकील साहब, आप भोजन करने में जितना समय बर्बाद करते हैं, ‘अगर वही समय कामकाज में लगाया होता …
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