एक सिद्ध बौद्ध भिक्षु अपने शिष्यों के साथ नगर भ्रमण पर निकले। उन्होंने देखा कि वहां एक ही परिवार के कुछ लोग आपस में बात करते हुए एक दूसरे पर क्रोधित हो रहे थे। यह दृश्य देखकर एक शिष्य से रहा नहीं गया। उसने तुरंत बौद्ध भिक्षु से पूछा क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों हैं? शिष्य कुछ …
Read More »Daily Archives: October 3, 2017
रहस्यमयी रहस्य की तलाश करना भी होता है एक रहस्य
एक बार ऋर्षि पिप्पलाद के पास कुछ शिष्य आए और उनसे कहा कि – ‘हे गुरुदेव हमें जीवन और मृत्यु का रहस्य समझाने की कृपा करें।’ तब ऋर्षि ने कहा कि, ‘जीवन के विषय में मैं थोड़ा बहुत बता सकता हूं, क्योंकि मैंने जीवन जिया है, जहां तक मृत्यु के विषय में बात की जाए तो मैं अभी मरा नहीं …
Read More »जियो तो ऐसे जियो कि बादशाह भी खैरियत पूछे
फारस देश का बादशाह नौशेरवां न्यायप्रियता के लिए विख्यात था। एक दिन वह अपने मंत्रियों के साथ भ्रमण पर निकला। उसने देखा कि एक बगीचे में एक बुजुर्ग माली अखरोट का पौधा लगा रहा है। बादशाह, माली के पास गया और पूछा, ‘तुम यहां नौकर हो या यह तुम्हारा बगीचा है? तब उस माली ने कहा कि,’मै यहां नौकरी नहीं …
Read More »अमेरिका के पहले राष्ट्रपति से सीखिये ये 5 बातें
अब्राहम लिंकन 12 फरवरी, 1809 से 15अप्रैल 1865 अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति थे। वह रिपब्लिकन पार्टी से थे। उन्होने अमेरिका को उसके सबसे बड़े संकट अमेरिकी गृह युद्ध से मुक्त किया था। अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय लिंकन को ही जाता है। अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। वे रिपब्लिकन पार्टी से …
Read More »ध्यान रखिए ताकि छलके नहीं दूध का मर्तबान
शुकदेव को उनके पिता ने परामर्श दिया कि वे महराज जनक की शरण में जाकर दीक्षा ग्रहण करें। पिता के परामर्श से शुकदेव महराज जनक के दरबार जा पहुंचे और राजा जनक से दीक्षा देने का अनुरोध किया। जनक ने शुकदेव की परीक्षा लेने से पहले उनकी परीक्षा लेने के उद्देश्य से उनके हाथ में दूध का कटोरा दिया और …
Read More »बापू से जानिए अहिंसा और कायरता में अंतर
महात्मा गांधी जी के आश्रम में लड़कियां भी रहती थीं। एक दिन वे लौट रही थीं। रास्ते में कुछ लड़के उन्हें परेशान करने लगे। लड़कियां घबरा गईं और भागती हुईं आश्रम पहुंची। उन्होंने बापू को सारी बात बताई। बापू बोले, ‘तुम भाग क्यों आईं? हिम्मत से वहीं ठहरना था और उन लड़कों को दो-चार चपत लगानी चाहिए थी।’ यह सुनकर …
Read More »19 साल का अंतर, फिर भी आदर्श दंपती थे रामकृष्ण-शारदा
आजकल रिश्तों की डोर बेहद कमजोर हो गई है, ऐसे में रामकृष्ण परमहंस और मां शारदा का दाम्पत्य जीवन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है। उम्र में 19 साल का अंतर होने के बावजूद दोनों ने आदर्श जीवन व्यतित किया। दोनों ही जितने सांसारिक थे, उतने आधात्यमिक भी थे। मां शारदा के साथ रह कर रामकृष्ण परमहंस एक आदर्श …
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