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लगातार दो बेटियां हो गई दो साल के अंतराल में

वारिस बनते हैं लड़कियां नहीं। जहां पर भी कृतिका और अमृता के पापा आज है वहीं से देखकर गर्व से उनका सीना चौड़ा हो रहा होगा यह सोच कर कि "मेरे बाद मेरी बेटियों ने हमारा नाम ऊंचा रखा है, जीवित रखा।"

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भारत में मैंगोस्टीन की खेती: नए तरीके से लाभ कैसे हो रहा है

अगर आप खेती करने की सोच रहे हैं तो ऐसे में मैंगोस्टीन की खेती कर सकते हैं और कम समय में अच्छा लाभ कमा सकते हैं भारत में कृषि का रूप बदलता जा रहा है, पारंपरिक खेती के अलावा नई फसलों में भी हाथ आजमाया जा रहा है. ऐसे में आपको मैंगोस्टीन फल की जानकारी दे रहे हैं. मैंगोस्टीन फल …

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मस्तक पर चक्र !!

एक नगर में चार ब्राह्मण पुत्र रहते थे । चारों में गहरी मैत्री थी । चारों ही निर्धन थे । निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित थे । उन्होंने अनुभव कर लिया था कि अपने बन्धु-बान्धवों में धनहीन जीवन व्यतीत करने की अपेक्षा शेर-हाथियों से भरे कंटीले जङगल में रहना अच्छा़ है । निर्धन व्यक्ति को सब अनादर …

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असली यज्ञ कौन-सा हैं ?

महाभारत का एक प्रसंग हैं, अश्वमेध यज्ञ चल रहा था, बड़े-बड़े ॠषियों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी जा रही थी….. कहतें हैं, कि उस यज्ञ में बड़े-बड़े देवता आये, यहाँ तक कि देवराज इन्द्र तक भी उपस्थित हुये,स्वयं भगवान् श्रीकॄष्ण तक वहाँ साक्षात् उपस्थित थे। दान देने का उपक्रम चल रहा था, अश्वमेध यज्ञ की पूर्णाहुति की पावन वेला थी, …

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मन की सकारात्मक सीमाबहुत

समय पहले की बात है किसी गाँव में मोहन नाम का एक किसान रहता था . वह बड़ा मेहनती और ईमानदार था .अपने अच्छे व्यवहार के कारण दूर -दूर तक उसे लोग जानते थे और उसकी प्रशंशा करते थे .पर एक दिन जब देर शाम वह खेतों से काम कर लौट रहा था तभी रास्ते में उसने कुछ लोगों को …

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भोजन संस्कृति

हमने कभी वेदों का अध्ययन नही किया,हमने कभी गीता पढ़कर उसे अमल में लाने का प्रयास नही किया,हमने योग विद्या को कभी नही अपनाया,हमने आयुर्वेद में कोई अनुसंधान नही किया,हमने संस्कृत भाषा को कोई महत्व नही दिया ऐसी बहुत सी अच्छी और महत्वपूर्ण चीजें है जो हमारे पूर्वज हमारे बुजुर्ग हमे विरासत में दे गए पर हम पाश्चात्य संस्कृति अपनाने …

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हमारे टाइम पुराने……!

हमारे टाइम पुराने। लाइट आया नहीं करती थी, आती थी तो बस इतना ही सानी काट ली, चून पीस लिया। बाकी तो बाहर आंगन या गली में में चारपाइयां होती थी, दोपहर को आंगन के पेड के नीचे कब घंटों बीत जाया करते थे पता कहां चलता था। जमाना बीत गया अब तो वैसी नींद लिए।खाने का मैन्यू भी फिक्स …

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चालाक मिस्त्री की कहानी

एक बार की बात है पालमपुर गाँव में कल्लू नाम का एक मिस्त्री रहता था। वह बहुत लोगों के बड़े बड़े और अच्छे घर बनाता था लेकिन वह खुद एक झोपड़े में अपनी बीवी के साथ रहता था। एक दिन कल्लू घर आया और अपनी बीवी से बोला मै लोगो के लिए इतने अच्छे और बड़े घर बनाता हूँ लेकिन …

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किसान की होशियार बेटी की कहानी हिंदी में

एक समय की बात है रामपुर गांव में बलदेव नाम का एक किसान रहता था। उसकी एक बेटी मीना थी जो बहुत सुन्दर और होशियार थी। बलदेव के खेत जमींदार के पास गिरवी थे। बलदेव खेतों में मेहनत करके घर का गुजारा चलाता था। उसने 3-4 महीने खेत में काम करके एक फ़सल उगाई थी। जो फ़सल अब पक कर …

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मेहनत का फल

hardwork

एक गांव में दो मित्र नकुल और सोहन रहते थे। नकुल बहुत धार्मिक था और भगवान को बहुत मानता था। जबकि सोहन बहुत मेहनती थी। एक बार दोनों ने मिलकर एक बीघा जमीन खरीदी। जिससे वह बहुत फ़सल ऊगा कर अपना घर बनाना चाहते थे। सोहन तो खेत में बहुत मेहनत करता लेकिन नकुल कुछ काम नहीं करता बल्कि मंदिर …

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