॥ दोहा॥बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज ।जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज ॥ ॥ चौपाई ॥जय यदुनंदन जय जगवंदन। जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नट-नागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ …
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श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित
lord-hanuman हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया। क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं? बस रटा रटाया बोलते जाते हैं। आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो। तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित!! …
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