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Tag Archives: dwaar

दर्शन दो घनश्याम् नाथ मोरी

Hari Name Ka Pyala Bhajan

मान मंदिर की ज्यवटी जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी यौग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दयाअ का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्याअस बूझौं, नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …

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वृंडायन की कुंज गलिन मे…राधा नामा जापू

vrndaayan kee kunj galin mein...raadhe naam japoo

जाई जाई राधे राधे राधे.. जाई जाई राधे राधे राधे मान मंदिर के द्वार कुल्ले है..अंतर घाट मे आप बससे है जाई जाई राधे राधे राधे..4 आदार मुरलिया बोले राधा, रास केलत गोपियन की माला जाई जाई राधे राधे राधे..4 ओह वृंदावन मे आकर खान्हा, ढून्दतु वाँ वाँ ब्रिज की बाला जाई जाई राधे राधे राधे…4 [To English wish4me] Jai …

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दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अंखिया प्यासी रे

मान मंदिर की ज्योति जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी ना दिखे सूरत तेरी युग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दया का जब तू खोले पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्यास बूझौं नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …

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वो फूल ना अब तक चुना पाया

Wo phool na ab tak chunn paya

जो फूल चढ़ाने हैं तुझपर मैं तेरा द्वार ना ढूंड सका भटक रहा हूँ डगर डगर …. क्या दुख क्या सुख सब भूल मेरी मैं उलझा हूँ इन बातों में दिन खोया चाँदी-सोने में सोया मैं बेसूध रातों में तब ध्यान किया मैने तेरा टकराया पग से जब पत्थर मैं तेरा द्वार ना ढूंड सका भटक रहा हूँ डगर डगर …

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