बात देहरादून की है। जब महात्मा गांधी हरिजन कोष के लिए धन एकत्रित करने के लिए एक सभा में पहुंचे। सभा का आयोजन महिलाओं ने किया था। उन्होंने दो हजार रुपये के थैली भी गांधीजी को भेंट स्वरूप दी। किसी ने आभूषण तो किसी ने कुछ और धन हरिजन कोष के लिए दिया। चारों तरफ शोर था। उस शोर में …
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नाहया धोए के जो मॅन का मैल ना जया
मीन सदा जल मे रहे बाज़ ना जाए जाती नही जगदीश की हरिजन की कहा होये जात पात के बीच मे डूब मरो मत कोए मगन गये सो मार रहे मारे जो मगन जाए तीन के पहले वो मारे हॉट करात है नाही कबीरा खड़ा बाज़ार मे सबकी मागे खैर ना काहु से दोस्ती ना काहु से बैर सत्या नाम …
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