रामेश्वर ज्योतिर्लिंग में एकादशवें पर है श्री “रामेश्वर”। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबन्ध तीर्थ कहा जाता है। यह स्थान तमिलनाडु के रामनाथम जनपद में स्थित है। यहाँ समुद्र के किनारे भगवान श्री रामेश्वरम का विशाल मन्दिर शोभित है। कहा जाता है कि इसी स्थान पर श्रीरामचंद्रजी ने लंका के अभियान के पूर्व शिव की अराधना करके उनकी मूर्ति की स्थापना की …
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दर्शन दो घनश्याम् नाथ मोरी
मान मंदिर की ज्यवटी जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी यौग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दयाअ का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्याअस बूझौं, नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …
Read More »वृंडायन की कुंज गलिन मे…राधा नामा जापू
जाई जाई राधे राधे राधे.. जाई जाई राधे राधे राधे मान मंदिर के द्वार कुल्ले है..अंतर घाट मे आप बससे है जाई जाई राधे राधे राधे..4 आदार मुरलिया बोले राधा, रास केलत गोपियन की माला जाई जाई राधे राधे राधे..4 ओह वृंदावन मे आकर खान्हा, ढून्दतु वाँ वाँ ब्रिज की बाला जाई जाई राधे राधे राधे…4 [To English wish4me] Jai …
Read More »दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अंखिया प्यासी रे
मान मंदिर की ज्योति जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी ना दिखे सूरत तेरी युग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दया का जब तू खोले पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्यास बूझौं नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …
Read More »जानिए क्यों की जाती है मंदिर की परिक्रमा तथा क्या है इसका महत्त्व ?
ईश्वर की आराधना करने के तरीके अनेक हैं, इसमें पूरे विधि-विधान से पूजा करने से लेकर उपवास रख कर भी ईश्वर को प्रसन्न करने जैसी रीति है। लेकिन इसके अलावा भी एक और अंदाज है भगवान को याद करने तथा उनसे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का। यह तरीका है परिक्रमा का, जो किसी धार्मिक स्थल के ईर्द-गिर्द की जाती है। …
Read More »कान्हा रे
कान्हा रे तू तो मुझको जाने तू तो सब कुछ जाने मैं तो नाचूंगी मैं तो गाऊँगी तेरी मुरली की धुन सुन नाचूंगी तेरी मुरली की धुन सुन गाऊँगी मैं तो नाचूंगी तन और मन के भक्ति योग से मैं बनी संवरिया तन और मन के कर्म योग से मैं बनी बंसुरिया कान्हा रे तू चाहे तो बजा ले कान्हा …
Read More »सुमरन कर ले मेरे मना
सुमरन कर ले मेरे मना, तेरि बीति उमर हरि नाम बिना ।कूप नीर बिनु धेनु छीर बिनु, मंदिर दीप बिना, जैसे तरूवर फल बिन हीना, तैसे प्राणी हरि नाम बिना देह नैन बिन, रैन चंद्र बिन, धरती मेह बिना । जैसे पंडित वेद विहीना, तैसे प्राणी हरि नाम बिना काम क्रोध मद लोभ निहारो, छोड़ दे अब संतजना, कहे नानकशा …
Read More »राजा की परीक्षा | संत कबीर दास प्रेरक प्रसंग
सादा-जीवन और उच्च विचार रखने वाले कबीर दास की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी और बनारस के राजा बीर सिंह भी कबीर दास जी के भक्तों में से एक थे। जब कभी कबीरदास राजा से मिलने जाते तो राजा स्वयं कबीर दास जी के जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ। चरणों में बैठ …
Read More »साधू की झोपड़ी ( Hermit hut)
किसी गाँव में दो साधू रहते थे. वे दिन भर भीख मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गाँव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी; दोनों साधू गाँव की सीमा से लगी एक झोपडी में निवास करते थे, शाम को जब दोनों वापस पहुंचे तो देखा कि आंधी-तूफ़ान के कारण उनकी आधी झोपडी …
Read More »Vastu Shastra
Vastu shastra is a traditional Hindu system of architecture.which literally translates to “science of architecture.”These are texts found on the Indian subcontinent that describe principles of design, layout, measurements, ground preparation, space arrangement and spatial geometry. Vastu Shastras incorporate traditional Hindu and in some cases Buddhist beliefs.The designs are intended to integrate architecture with nature, the relative functions of various parts …
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