एक बार की बात है एक व्यक्ति थे। उन्होंने अपना सारा जीवन दुसरो की मदद करने के लिए निकाल दिया था। उन्हें हमेशा दुसरो की मदद करने में खुशी मिलती थी। और जब उनका आखरी समय आया तो यमराज ने उनसे कहा, “आपने अपनी सारी जीवन दुसरो की मदद करि है इसलिए आप चाहे तो मरने के बाद स्वर्ग में भी रह सकते हैं या नर्क में भी रह सकते हैं।”
उस व्यक्ति ने कुछ सोचा और कहा, “पहले मैं नर्क में जाकर देखना चाहता हूँ कि वहाँ कैसा है। अगर मुझे वहाँ अच्छा लगेगा तो मैं वहाँ रहूँगा नहीं तो मैं स्वर्ग में जाऊँगा।”
यमराज उन्हें नर्क में लेकर जाते हैं। और जब वह व्यक्ति वहाँ जाता है तो देखता है कि एक बहुत बड़ा सा हॉल है, वहाँ पर बहुत बड़ा टेबल लगा हुआ है। खाने का बहुत अच्छा -अच्छा सामान है लेकिन। लेकिन फिर भी सब लोग भूखे हैं। सबके चेहरे पर उदासी है और सबकी शक्लो पर साफ दिख रहा है कि उन्होंने बहुत समय से कुछ भी नहीं खाया है।”
उस व्यक्ति को यह बात बहुत अजीब लगती है कि खाने का इतना सामान पड़ा हुआ है फिर भी हर व्यक्ति यहाँ भूखा सा क्यों दिख रहा है। उसने इधर-उधर देखा। फिर उसने गौर किया कि सबके हाथ इस तरह हैं कि कौनि से किसी के भी हाथ मुड़ नहीं रहे हैं। अब अगर हाथ किसी के मुड़ नहीं रहे हैं तो वह लोग खा कैसे रहे हैं।
फिर व्यक्ति ने यमराज से पूछा कि अब मुझे यहाँ नहीं रहना हैं अब आप मुझे स्वर्ग में ले चलिए। जब वह स्वर्ग में जाते हैं तो वहाँ पर भी एक बहुत बड़ा हॉल होता है। उस हॉल में भी एक बहुत बड़ा खाने का टेबल होता है जिसपे नर्क के जितना ही अच्छा खाना रखा हुआ था। लेकिन यहाँ पर सभी लोग बहुत खुश थे। यहाँ पर कोई भी भूखा नहीं दिख रहा था और हर इंसान के चेहरे पर एक अलग ही चमक दिखाई दे रही थी।
इस बार उस व्यक्ति ने यमराज से कहा, “अच्छा यहाँ पर किसी को भी कौनि में कोई तकलीफ नहीं है, यहाँ पर सब अपनी कौनि मोड़ सकते हैं इसलिए सबने अच्छे से खाना खाया है और सब अच्छे से रह रहें हैं।” तो यमराज कहते हैं, “नहीं तुम ध्यान से देखो, ‘यहाँ पर भी किसी की कौनि मुड़ नहीं सकती है लेकिन यहाँ के लोगों ने एक दूसरे को खाना खिलाना सिख लिया है इसलिए यहाँ पर सब खुश है।
दोस्तों हमारी जिंदगी भी इसी तरह होती है। हम पूरी जिंदगी खुद के बारे में सोचकर ही गुजर देते हैं, कभी हम दुसरो के बारे में नहीं सोचते। अगर हम दुसरो की मदद करेंगे तो कोई इंसान हमारा भी मदद जरूर करेगा और असेही हम एक दूसरे के साथ खुशियाँ बांटकर खुश रह सकते है, एक दूसरे का दुःख कम कर सकते हैं।
इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है की हमेशा हमें जीवन में दुसरो की मदद करना चाहिए और कभी भी किसी को भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। महान सेवा यह है कि हम किसी जरूरतमंद की इस तरह मदद करे कि बाद में वह अपनी मदद खुद ही कर सके। हमेशा यह चीज याद रखे कि जब आप दुसरो की मदद करते हैं तो मन में आपको ख़ुशी जरूर मिलती है। और अगर मन में नहीं मिल रही है तो आप मन से उसकी सेवा नहीं कर रहे हैं।