बिटू बहुत गरीब था। एक दिन वह रामलाल की दुकान पर गया। रामलाल ने उससे पूछा, “तुम यहाँ क्यों खड़े हो?”. बिट्टू ने जवाब दिया,”मैंने पिछली रात एक सपना देखा। सपने में मैंने देखा कि तुम्हारी दुकान के आगे मुझे सोना मिला है।”
उसकी बात सुनकर रामलाल हँसने लगा। वह हँसकर बोला, “तुम बड़े ही बेवकूफ हो। सपने कभी सच नहीं होते। चलो मैं भी तुम्हें अपने सपने के बारे में बताता हूँ। मैंने भी देखा कि तुम्हारे घर के आँगन के नीचे सोना है।”
बिट्टू ने रामलाल के सपने को गम्भीरतापूर्वक लिया और वह वापस घर की ओर चल पड़ा। घर पहुँचकर उसने अपना आँगन खोदना शुरू किया। काम खोदने के बाद उसे मिट्टी के अन्दर एक घड़ा नजर आया। उसने वह घड़ा निकाला।
वह सोने के सिक्कों से भरा हुआ था। बिटू मन-ही-मन बोला, ‘धन्यवाद रामलाल, कभी कभी सपने भी सच हो जाते हैं। आज तुम्हारे सपने की वजह से मैं एक धनी आदमी बन गया हूँ।