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सौ ऊंट की कहानी !!

अजय राजस्थान के किसी शहर में रहता था। वह ग्रेजुएट था और एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। पर वह अपनी जिंदगी से खुश नहीं था। हर समय वह किसी न किसी समस्या से परेशान रहता था और उसी के बारे में सोचता रहता था।

एक बार अजय के शहर से कुछ दुरी पर एक फ़क़ीर बाबा का काफिला रुका हुआ था। शहर में चारों ओर उन्ही की चर्चा थी बहुत से लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुंचने लगे। अजय को भी इस बारे में पता चला और उसने भी फ़क़ीर बाबा के दर्शन करने का निश्चय किया।

छुट्टी के दिन सुबह-सुबह ही अजय उनके काफिले तक पहुंचा। वहाँ सेकड़ो लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। बहुत इंतजार करने के बाद अजय का नंबर आया। वह बाबा से बोला, “बाबा! मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ। हर समय समस्याएं मुझे घेरि रहती है। कभी ऑफिस की टेंशन रहती है, तो कभी घर पर अनबन जो जाती है और कभी अपने सेहत को लेकर परेशान रहती हूँ। बाबा कोई ऐसा उपाय बताइए कि मेरे जीवन से सारी समस्याएं दूर हो जाये और मैं चैन से जी सकूँ।”

बाबा मुस्कुराए और बोले, “आज बहुत देर हो गई है, मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूंगा। लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे?”

अजय उत्साह के साथ बोला, “जरूर करूँगा।”

बाबा बोले, “देखो बेटा, हमारे काफिले में सौ ऊंट हैं, और इनकी देखभाल करने वाला आज बीमार है। मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम इनका ख्याल रखो और जब सौ के सोउ ऊंट बैठ जाए तो तुम भी सो जाना।” ऐसा कहते हुए बाबा अपने तंबू में चले गए।

अगली सुबह बाबा अजय से मिले और पूछा, “कहो बेटा, नींद अच्छी आई?”

अजय दुखी होते हुए बोला, “कहाँ बाबा, मैं तो एक पल भी नहीं सो पाया। मैंने बहुत कोशिश की पर मैं सभी ऊंटो को नहीं बैठा पाया। कोई न कोई ऊंट खड़ा हो ही जाता।”

“मैं जानता था यही होगा। आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि ये सारे ऊंट एक साथ बैठ जाए।”

अजय नाराजगी के स्वर में बोला, “तो फिर आपने मुझे ऐसा करने को क्यों कहा?”

बाबा बोले, “कल रात तुमने क्या अनुभव किया, यही न कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो सारे ऊंट एक साथ नहीं बैठ सकते। तुम एक को बैठाओगे तो कहीं और दूसरा खड़ा हो जाएगा। इसी तरह तुम एक समस्या का समाधान करोगे तो किसी कारणवश दूसरी खड़ी हो जाएगी। पुत्र जब तक जीवन है समस्याएं तो बनी रहती है, कभी कम तो कभी ज्यादा।”

अजय ने जिज्ञासावश पूछा, “तो हमें क्या करना चाहिए?”

इन सबके बावजूद जीवन का आनंद लेना सीखो। कल रात क्या हुआ कई ऊंट रात होते-होते खुद ही बैठ गए , कई तुमने अपने प्रयास से बैठा दिए। पर बहुत से ऊंट तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे और जब बाद में तुमने देखा तो तुमने पाया कि तुम्हारे जाने के बाद उनमे से कुछ खुद ही बैठ गए। कुछ समझे….समस्याएं भी ऐसी ही होती है, कुछ तो अपने आप ही खत्म हो जाती है, कुछ को तुम अपने प्रयास से हल कर लेते हो और कुछ तुम्हारे कोशिश करने पर भी हल नहीं होती। ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ दो, उचित समय पर वह खुद ही खत्म हो जाती है और जैसा की मैंने पहले कहा, जीवन है तो कुछ समस्या रहेंगी ही रहेंगी पर इसका यह मतलब नहीं कि तुम दिन रात उन्ही के बारे में सोचते रहो। ऐसा होता तो ऊंटो की देखभाल करने वाला कभी सो नहीं पाता। समस्याओं को एक तरफ रखो और जीवन का आनंद लो, चैन की नींद सो जाओ। जब उनका समय आएगा तो वह खुद ही हल हो जाएगी पुत्र। ईश्वर के दिए हुए आशीर्वाद के लिए  उसे  धन्यवाद करना सीखो पीड़ाएं खुद ही खत्म हो जाएगी।”

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