Breaking News

Daily Archives: July 13, 2017

दोस्ती का एक अनोखा अंदाज

डॉ. जाकिर हुसैन जब विशेष अध्ययन के लिए जर्मनी गए हुए थे। वहां कोई भी अनजान व्यक्ति दूसरे अनजान को देखकर अपना नाम बताते हुए हाथ आगे बढ़ा देता था। इस प्रकार अपरिचित लोग भी एक दूसरे के दोस्त बन जाते थे। दोस्ती करने का यह रिवाज वहां काफी लोकप्रिय था। एक दिन जाकिर हुसैन कॉलेज में वार्षिकोत्सव मनाया जा …

Read More »

यूं ही नहीं दी जाती है अफलातून की मिसाल

शर्म नहीं आए तब तक सीखते रहिए

  अफलातून यूनानी दार्शनिक थे। उनके पास हर दिन कई विद्वानों का जमावड़ा लगा रहता था। सभी उनसे कुछ न कुछ ज्ञान प्राप्त करके जाया करते थे। लेकिन अफलातून खुद को कभी भी ज्ञानी नहीं मानते थे। वे हमेशा कुछ न कुछ नई बात सीखने को उत्सुक रहते थे। एक दिन उनके एक मित्र ने कहा, आपके पास दुनिया के …

Read More »

शर्म नहीं आए तब तक सीखते रहिए

शर्म नहीं आए तब तक सीखते रहिए

यूनानी दार्शनिक अफलातून के पास हर दिन कई विद्वानों का जमावड़ा लगा रहता था। सभी उनसे कुछ न कुछ ज्ञान प्राप्त करके जाया करते थे। लेकिन स्वयं अफलातून खुद को कभी भी ज्ञानी नहीं मानते थे। एक दिन उनके एक मित्र ने कहा, आपके पास दुनिया के बड़े-बड़े विद्वान कुछ न कुछ सीखने और जानने आते हैं और आपसे बातें …

Read More »

चाणक्य और यूनान का राजदूत

Chanakya-quotes

पाटलिपुत्र के मंत्री आचार्य चाणक्य बहुत ही विद्वान और न्यायप्रिय व्यक्ति थे। वह एक सीधे आैर ईमानदार व्यकि् भी थे। वे इतने बडे साम्राज्य के महामंत्री होने के बावजूद छप्पर से ढकी कुटिया में रहते थे। एक आम आदमी की तरह उनका रहन-सहन था। एक बार यूनान का राजदूत उनसे मिलने राजदरबार पहुंचा। राजनीति और कूटनीति में दक्ष चाणक्य की …

Read More »

विवेकपूर्ण कर्म से प्रशस्त होगा स्वर्ग का मार्ग

विवेकपूर्ण कर्म से प्रशस्त होगा स्वर्ग का मार्ग

एक वृद्धा थी। उसकी कोई संतान न थी। उसके पास अपार धन-संपत्ति थी और उसने जीवन भर धन का सदुपयोग ही किया था। अंत समय में स्वर्ग से जब यमदूत उस महिला को लेने पहुंचे तो उन्होंने कहा, ‘चलिए! आपको स्वर्ग ले चलना है।’ यह सुनकर उस वृद्धा के मन में लोभ जागा और वह देवदूतों से बोली, ‘मुझे बहुत …

Read More »

नेक बनना है तो जानें अब्राहम लिंकन के ये विचार

नेक बनना है तो जानें अब्राहम लिंकन के ये विचार

अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल 1861 से 1865 तक था। ये रिपब्लिकन पार्टी से थे। अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय लिंकन को ही जाता है। अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। वे प्रथम रिपब्लिकन थे जो अमेरिका के राष्ट्रपति बने। लिंकन का जीवन काफी संघर्षों और चुनौतियों से …

Read More »

इस दुनिया में श्रेष्ठ और महान कौन

इस दुनिया में श्रेष्ठ और महान कौन

एक बार मगध के सम्राट बिम्बिसार संत सत्यकेतु के आश्रम में पहुंचे और दण्डवत होकर निवेदन किया कि भगवन इस विश्व में श्रेष्ठ और महान व्यक्ति कौन है? सत्यकेतु ने सामने खेत में काम कर रही एक अधिक उम्र की वृद्धा की ओर संकेत करते हुए कहा- ‘उधर देखिए, उस वृद्धा के शरीर में शक्ति नहीं है, लेकिन कुदाली चला …

Read More »

भगवान भक्तों को कभी भी निराश और परेशान नहीं होने देते

किसी नगर में एक धर्मपरायण व्यक्ति रहता था। वह सदैव ईश-भक्ति में लीन रहता और इस बात का हमेशा ख्याल रखता कि उसके द्वारा किसी का अहित न हो। उसे इस बात का भी पूरा भरोसा था कि यदि वह दूसरों का अहित नहीं करेगा तो उसका भी अहित नहीं होगा। वह हमेशा भगवान से प्रार्थना करता कि उस पर …

Read More »

ऐसा क्या हुआ कि सिकंदर महान बन गया केवल सिकंदर

ऐसा क्या हुआ कि सिकंदर महान बन गया केवल सिकंदर

जब सिकंदर भारत आया तब उसकी मुलाकात एक फकीर से हुई। सिकंदर को देख फकीर हंसने लगा। इस पर सिकंदर ने सोचा, ‘ये तो मेरा अपमान है’ और फकीर से कहा, ‘या तो तुम मुझे जानते नहीं हो या फिर तुम्हारी मौत आई है’ जानते नहीं में सिकंदर महान हूं। इस पर फकीर और भी जोर जोर से हंसने लगा। …

Read More »

जब उनकी पत्नी बोलीं, ‘नाकामयाबी में भी, धैर्य से करते रहें काम-

जब उनकी पत्नी बोलीं, 'नाकामयाबी में भी, धैर्य से करते रहें काम

नाथानिएल हौथोर्न अंग्रेजी के महान लेखक थे। एक दिन उन्हें कस्टम हाउस नौकरी से निकाल दिया गया। जब वह घर पहुंचे तो पत्नी से बोले, ‘आज मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है।’ उनकी पत्नी सोफिया यह सुनकर कुछ परेशान हुईं और फिर मुस्करा कर बोलीं, ‘नाकामयाबी में धैर्य से काम करते रहना है। इतने हताश और उदास मत हो। …

Read More »