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Yearly Archives: 2017

इसीलिए कहते हैं जियो दिल से

एक बार गुरु गोविंद साहब के कुछ शिष्य उनके पास उनके पास आए और उनसे उलाहना के स्वर में बोले, ‘गुरू जी! आपके कहने पर हम हर रोज जप करते हैं, लेकिन इससे हमें कोई लाभ नहीं होता है। इसका क्या कारण है?’ गुरु जी युवा शिष्यों की बात सुन कर कुछ कहा नहीं, ‘सिर्फ मुस्कुराए।’ कुछ देर बाद उन्होंने …

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वो पाव भर चाय की पत्ती

वो पाव भर चाय की पत्ती

अब्राहिम लिंकन बचपन में चाय की दुकान पर नौकरी करते थे। एक दिन एक महिला पाव भर चाय की पत्‍ती लेने के लिए आई। जल्दी-जल्दी में लिंकन ने उसे एक पाव की जगह आधा पाव चाय पत्‍ती तौल कर दे दी। रात्रि को जब लिंकन ने हिसाब किया, तो पता चला कि उस महिला ने पाव भर चाय के पैसे …

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मनुष्य कर्म से बनता है महान

स्वामी दयानंद का घर तब फर्रुखाबाद में था। एक दिन एक व्यक्ति एक थाली में दाल-भात परोसकर ले आया। वह व्यक्ति घर-गृहस्थीवाला था और मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट भरता था। उच्च कुल का नहीं होने के बावजूद स्वामीजी ने जब उसके हाथ का अन्न ग्रहण किया, तो ब्राह्मणों को बुरा लगा। नाराज होकर वे स्वामी …

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उज्जैन नगर का, ‘मैं अकेला भिक्षुक’

उज्जैन नगर का, 'मैं अकेला भिक्षुक'

उज्जैन के राजकुमार शातवाहन की बुरी संगति को छुड़ाने के लिए आश्रम में उनके गुरु शिवदास ने उन्हें बहुत पीटा। शिवदास अपने प्रयास में सफल रहे और शातवाहन ने कुसंगति छोड़ दी। कुछ समय बाद जब शातवाहन राजा बने तब तक गुरु शिवदास की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी थी। एक दिन वे भिक्षा मांगते हुए राजा के पास जा …

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इन आठ घड़ों को लेकर कर सकेंगे नर्क की सैर

एक बार कवि कालिदास बाजार में घूमने निकले। वहां उन्होंने एक स्त्री को एक घड़ा और कुछ कटोरियां लिए ग्रहकों के इंतजार में बैठे देखा। कालिदास यह देखकर परेशानी में पड़ गए। वह उस स्त्री के पास गए। उन्होंने वहां जाकर पूछा कि बहिन तुम क्या बेचती हो। उस स्त्री ने कहा मैं पाप बेचती हूं। मैं स्वयं लोगों से …

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शिकारी आएगा जाल बिछाएगा पर हम नहीं जाएंगे

एक बार एक साधु ने अपनी कुटिया में कुछ तोते पाल रखे थे। सभी तोते अपनी सुरक्षा के लिए एक गीत गाते थे। गीत कुछ इस तरह था कि ‘शिकारी आएगा जाल बिछाएगा पर हम नहीं जाएंगे’ एक दिन साधु भिक्षा मांगने के लिए पास के एक गांव में गए। इसी बीच एक बहेलिया ने देखा एक पेड़ पर तोते …

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आत्मा और परमात्मा का दुर्लभ मिलन

मिथिला के राजा निमि के बीमार हो गए। उनका पूरा शरीर गर्म होने लगा। राज वैद्यों ने सोच-समझकर कहा कि, महराज के शरीर पर चंदन का लेप किया जाए। तब रानियां अपने हाथों से चंदन घिसने लगीं। चंदन घिसते समय हाथों में पहनी हुई चुड़ियों के टकराने से खन-खन की आवाज होने लगी। वह खन-खनखनाहट की आवाज राजा निमि को …

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जीने की कला का यह है सबसे बड़ा रहस्य

बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह बात-बात में फांसी की सजा का हुक्म दिया करता था। इस कारण लोग काफी परेशान थे और उस राजा के नाम से ही भयभीत रहा करते थे। लेकिन उस राजा की एक खूबी भी थी, और वह यह कि मरने वाले की हर अंतिम ख्वाहिश को जरूर पूरा करता था। एक बार …

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सही कहते हैं कि सत्य बोलने वाले के पास हिम्मत होती है

मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं

स्वामी विवेकानंद एक दिन कक्षा में मित्रों को कहानी सुना रहे थे। सभी इतने खोए हुए थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब मास्टरजी कक्षा में आए और पढ़ाना शुरू कर दिया। मास्टरजी को कुछ आवाज सुनाई दी। कौन बात कर रहा है? सभी ने स्वामी जी और उनके साथ बैठे छात्रों की तरफ इशारा कर दिया। मास्टरजी …

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राजा भोज के राज्य में जब जटाधारी संत ने किया ‘स्वांग’

एक बहुरूपिए ने राजा भोज के दरबार में आकर राजा से पांच रुपए की याजना की। तब राजा ने कहा कि वे कलाकारों को पुरस्कार दे सकते हैं, दान नहीं। बहुरूपिए ने स्वांग प्रदर्शन के लि तीन दिन की मोहलत दी। अगले दिन नगर के बाहर टीले पर एक जटाधारी साधू दिखाई दिया। जो शांत बैठा था जिसके आस-पास चरवाहे …

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