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Yearly Archives: 2017

जब युवा कबीर ने बताई गंगा जल की शुद्धता

Gangan images

वाराणसी की एक तंग गली में एक ब्राह्मण बीमारी की अवस्था में शय्या पर पड़ा था। युवा कबीर गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। ब्राह्मण की दशा देखकर उसके पास पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लायक कोई सेवा हो तो जरूर बताइगा।’ तब ब्राह्मण ने कहा, ‘बेटा मेरा अंत समीप है। मैं अकेला हूं। जीवन के अंतिम समय में थोड़ा …

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Bhagwaan Gauttam Budh

आपके पास है ऐसा बल जो बना सकता है आपको महान

जो नित्य एवं स्थाई प्रतीत होता है, वह भी विनाशी है। जो महान प्रतीत होता है, उसका भी पतन है। जहाँ संयोग है वहाँ विनाश भी है। जहाँ जन्म है वहाँ मरण भी है। ऐसे सारस्वत सच विचारों को आत्मसात करते हुए महात्मा बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की जो विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है। विश्व …

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क्यों मनाई जाती है ईद, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत?

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624 ईस्वी में पहला ईद-उल-फ़ित्र  मनाया गया था। पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। यह त्योहर उसी खुशी में मनाया गया था। इस्लामिक कैलेंडर में दो ईद मनाई जाती हैं। दूसरी ईद जो ईद-उल-जुहा या बकरीद के नाम से भी जानी जाती है। ईद-उल-फ़ित्र  का यह त्योहार रमजान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर …

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माहे-रमजान में छुपा संदेश

Iftar

आत्मा को पाकीजगी का मौका देता है रमजान Hidden messages in Maha-Ramzan बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाले पाक महीने रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते लाखों हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे को शिद्दत …

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बोधकथा अंतरयात्रा शिविर ओशो

एक गांव में एक गरीब किसान शहर से जाकर एक बकरी का बच्चा खरीद लाया। वह बकरी के बच्चे को लेकर अपने गाव की तरफ चला और शहर के दो चार बदमाश लोगों ने सोचा कि किसी भांति यह बकरी का बच्चा छीन लिया जाए तो अच्छा आज का भोजन का और एक उत्सव का आनंद आ जाएगा। कुछ मित्रों …

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आज ही क्यों नहीं ‘Why not today’

एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन  वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था |सदा स्वाध्याय से दूर भागने की कोशिश  करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता था | अब गुरूजी कुछ …

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एक लघुकथा सवा मणी

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हनुमान जी के मन्दिर में सवामणी चढ़ा कर लौटते हुए एक भक्त से उसके बेटे ने गुब्बारे दिलवाने की जिद की। बच्चा पिट गया। वजह शायद बच्चे की जिद रही होगी या सवामणी के पुण्य का दम्भ इतना बढ़ गया होगा कि भक्त सिर्फ उसी में बौराया था और उसका बच्चे के भाव से तारतम्य टूट गया हो । या …

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ABDUL KALAM – “HUMANITY”

Dr. Abdul Kalam was contesting for the post of President

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने इमारत की दीवार पर  टूटे हुए शीशों के टुकड़े लगाने के सुझाव को ठुकरा दिया था। क्योकि इससे दीवार पर बैठने वाले पक्षियों को चोट लग सकती थी यह बात उस समय की है, जब डॉ एपीजे अब्दुल कलाम डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन (DRDO) में काम कर रहे थे। तब भवन की सुरक्षा के …

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निर्जाला एकादशी के दिन ये बात याद रखे आप अगर पानी पीला रहे है

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मेरा सभी भाइयो से निवेदन है की निर्जाला एकादशी पे जो लोग पानी पिलाते है, वो बड़ेपुण्य का काम है | परंतु आप सभी से अनुरोध है की आप प्लास्टिक का ग्लास मत प्रयोग करे | लोग पानी पीकर ग्लास ऐसे ही फेंख़् देते है जो हुमारे पर्यावरण के लिए सही नही है और ना ही किशान भाइयो के लिए..आप …

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शिव और नारायण के वर्चस्ववाद

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‘परशु’ प्रतीक है पराक्रम का, ‘राम’ पर्याय है सत्य सनातन का। इस प्रकार परशुराम का अर्थ हुआ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक। नारायण के छठे अवतार भगवान परशुराम को कभी सही परिप्रेक्ष्य में समझा ही नहीं गया।  नारायण ने एक साथ दो अवतार क्यों लिए??  ऐसा हिंस्र अवतार!!  नारायण को मनुष्य रूप में लेने की क्या अवश्यकता पड़ी? परशुराम …

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