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खून का असर

राजा के दरबार मे एक आदमी नौकरी मांगने के लिए आया,
उससे उसकी क़ाबलियत पूछी गई तो वो बोला,
मैं आदमी हो चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ…..

राजा ने उसे अपने खास “घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज” बना दिया…..
कुछ ही दिन बाद राजा ने उससे अपने सब से महंगे और मनपसन्द घोड़े के बारे में पूछा तो उसने कहा

नस्ली नही है…

राजा को हैरानी हुई, उसने जंगल से घोड़े वाले को बुला कर पूछा,,,,,
उसने बताया घोड़ा नस्ली तो हैं पर इसके पैदा होते ही इसकी मां मर गई थी इसलिए ये एक गाय का दूध पी कर उसके साथ पला बढ़ा है,,,,,
राजा ने अपने नौकर को बुलाया और पूछा तुम को कैसे पता चला के घोड़ा नस्ली नहीं हैं??

“उसने कहा “जब ये घास खाता है तो गायों की तरह सर नीचे करके, जबकि नस्ली घोड़ा घास मुह में लेकर सर उठा लेता है,,,,,,,,”

राजा उसकी काबलियत से बहुत खुश हुआ, उसने नौकर के घर अनाज, घी, मुर्गे, और ढेर सारी बकरियां बतौर इनाम भिजवा दिए,,,,,,,,,,
और अब उसे रानी के महल में तैनात कर दिया,,, कुछ दिनो बाद राजा ने उससे रानी के बारे में राय मांगी, उसने कहा,

“तौर तरीके तो रानी जैसे हैं लेकिन पैदाइशी नहीं हैं,,,,”

राजा के पैरों तले जमीन निकल गई, उसने अपनी सास को बुलाया, सास ने कहा “हक़ीक़त ये है कि आपके पिताजी ने मेरे पति से हमारी बेटी की पैदाइश पर ही रिश्ता मांग लिया था लेकिन हमारी बेटी 6 महीने में ही मर गई थी लिहाज़ा हम ने आपके रजवाड़े से करीबी रखने के लिए किसी और की बच्ची को अपनी बेटी बना लिया,,,,,,,,,”

राजा ने फिर अपने नौकर से पूछा “तुम को कैसे पता चला??”

“”उसने कहा, “रानी साहिबा का नौकरो के साथ सुलूक गंवारों से भी बुरा है एक खानदानी इंसान का दूसरों से व्यवहार करने का एक तरीका होता है जो रानी साहिबा में बिल्कुल नही,,,,,,”

राजा फिर उसकी पारखी नज़रों से खुश हुआ और फिर से बहुत सारा अनाज भेड़ बकरियां बतौर इनाम दी साथ ही उसे अपने दरबार मे तैनात कर लिया,,,,,

कुछ वक्त गुज़रा, राजा ने फिर नौकर को बुलाया, और अपने बारे में पूछा,,,,,,

नौकर ने कहा “जान की सलामती हो तो कहूँ”

राजा ने वादा किया तो उसने कहा

“न तो आप राजा के बेटे हो और न ही आपका चलन राजाओं वाला है”

राजा को बहुत गुस्सा आया, मगर जान की सलामती का वचन दे चुका था राजा सीधा अपनी मां के महल पहुंचा मां ने कहा ये सच है तुम एक चरवाहे के बेटे हो हमारी औलाद नहीं थी तो तुम्हे गोद लेकर हम ने पाला,,,,,

राजा ने नौकर को बुलाया और पूछा, बता, भोई वाले तुझे कैसे पता चला????

उसने कहा “जब राजा किसी को इनाम दिया करते हैं, तो हीरे मोती और जवाहरात की शक्ल में देते हैं लेकिन आप भेड़, बकरियां, खाने पीने की चीजें दिया करते हैं…ये रवैया किसी राजा का नही, किसी चरवाहे के बेटे का ही हो सकता है,,,,,,,,,”

किसी इंसान के पास कितनी धन दौलत, सुख समृद्धि, रुतबा, इल्म, बाहुबल हैं ये सब बाहरी दिखावा हैं।
इंसान की असलियत की पहचान उसके व्यवहार और उसकी नियत से है
हैसियत कुछ भी हो, पर सोच नही बदलती,,

English Translation

A man came to the king’s court to ask for a job,
When asked about his ability, he said,
Whether I am a man, I can tell about animals by looking at the appearance of …..

The king made him his special “incharge of the stables of horses”.
A few days later, when the king asked him about his most expensive and favorite horse, he said

Not racial …

The king was surprised, he called the horseman from the forest and asked,
He told that the horse is a breed, but its mother had died as soon as it was born, so it grew up with a cow drinking milk,,,,
The king called his servant and asked how did you come to know that horses are not racist ??

“He said” When he eats grass, he cuts down the head like a cow, while a race horse takes the head in the mouth,,,,,,,, “

The king was very happy with his ability, he sent grain, ghee, chickens, and lots of goats to the servant’s house as a reward.
And now he is posted in the queen’s palace,, a few days later, the king asked for his opinion about the queen, he said,

“The ways are like the queen but not natural, ,,,”

The land went out under the king’s feet, he called his mother-in-law, the mother-in-law said, “The fact is that your father had asked my husband for a relationship on our daughter’s birth, but our daughter died in 6 months, so we Has made someone else’s daughter his daughter to keep you close to your prince, “,,,,,,,,”

The king then asked his servant “How did you know ??”

“” She said, “Rani Sahiba’s behavior with servants is worse than that of a clan. A family man has a way of dealing with others which is not at all in Rani Sahiba.

The king was then pleased with his connoisseur’s eyes and again gave a lot of grain as a reward to the sheep and also posted it in his court, ,,,

After some time, the king again called the servant, and asked about himself ,,,,,

The servant said, “If you have the life to say”

When the king promised, he said

“You are neither the king’s son nor you are the king of the king”

The king was very angry, but had promised the life of the king, the king went straight to his mother’s palace. The mother said that it is true that you are the son of a shepherd, we did not have children, so we adopted you.

The king called the servant and asked, tell me, how did you find the brother?

He said “When kings reward someone, diamonds give in the shape of pearls and jewels but you give sheep, goats, food and food … This attitude is not of a king, but of a shepherd’s son.” Can only be ,,,,,,,, “

How much wealth, happiness, prosperity, status, ilm, muscle power a person has, all these are external appearances.
Man’s reality is identified by his behavior and his destiny
Whatever the situation, but thinking does not change ,,

 

https://www.youtube.com/watch?v=9xwDvC5nR_Y

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