श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,
श्यामा आन बसों………….
श्यामा रस्ते में बाग़ लगा जाना,
फूल बिनुंगी तेरी माला के लिए,
तेरी बाँट निहारूं कुंजन में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,
श्यामा आन बसों………….
श्यामा रस्ते में कुंवा खुदवा जाना,
मैं तो नीर भरूंगी तेरे लिए,
मैं तुझे नहलाऊंगी मल मल के,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,
श्यामा आन बसों………….
श्याम मुरली मधुर सुना जाना,
मोहे आके दरश दिखा जाना,
तेरी सूरत बसी है अँखियाँ में,
मेरी उमर बीत गई गोकुल में,
श्यामा आन बसों………….