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मन है व्याकुल


मन है व्याकुल नैन से जल है
कैसी कठिन विधाई हो
सूरज के संग डूब रहा मन
कैसी वेला आई

कृष्ण की बाते कृषण की लीला जाए न बिसराई
बाबा बाबा की बेह प्रतिध्वनी
प्रति पल पड़े सुनाई,

कडवे विष से भी ये बड कर कडवी येह सचाई हो
जिस के मोह में सब कुछ भुला थी बेह वसतू पराई वो,,,,,,,,,,


मेरी बस एक ख्वाहिश है,
चाहे दुनिया बदल जाए,
के सर मेरा हो दर तेरा हो बाबा,
और दम निकल जाए।।

प्रभु हर रात हर सुबह,
प्रभु हर रात हर सुबह,
तेरी कृपा सी होती है,
के जैसे सुखी फसलों पर,
के जैसे सुखी फसलों पर,
तेरी वर्षा सी होती है,
तेरी वर्षा सी होती है,
जो बढ़ता हाथ मुझ तक गम का,
पल भर में फिसल जाए,
के सर मेरा हो दर तेरा हो बाबा,
और दम निकल जाए।।

मैं तुझसे मांगता इतना,
मैं तुझसे मांगता इतना,
मेरी हर सांस तेरी हो,
तेरे ही नाम से गुजरे,
तेरे ही नाम से गुजरे,
ये अर्जी ख़ास मेरी हो,
ये अर्जी ख़ास मेरी हो,
जो नजरे तेरी उठ जाए तो,
साया दुःख का टल जाए,
के सर मेरा हो दर तेरा हो बाबा,
और दम निकल जाए।।

पकड़ ले हाथ ओ कान्हा,
पकड़ ले हाथ ओ कान्हा,
बहुत ही उदास हूँ प्यारे,
कलम से लिख के देता हूँ,
कलम से लिख के देता हूँ,
तेरा ही दास हूँ प्यारे,
तेरा ही दास हूँ प्यारे,
हो दिल में गरूर चढ़ता आकाश के,
इक पल में जल जाए,
के सर मेरा हो दर तेरा हो बाबा,
और दम निकल जाए………..

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