ओ रे कन्हिया छोड़ो मोरी बहियाँ,
सुबह से हो गई श्याम अब घर जाना है
घर में बहुत है काम अब घर जाना है
ओ री राधा गोरी सुन बतियाँ मोरी
रुक जा जरा मेरी जान छोड़ो ये बहाना हिया
केहना तू मेरी माँ दिल ये दीवाना है
ढूंढेगे घर वाले पूछेगा मोहला
छोड़ के मैं आई रे कान्हा सारा चोंका चुला
पनिया भरन को मैं करके बहाना
मिलने मैं आई तुम से ओ कान्हा
ओ रे सांवरियां पडू टोरी बहियाँ लोग करेगे बदनाम
अब घर जाना है……..
जानू मैं राधा गोरी तेरी मज़बूरी
क्या करू बता दे सही जाए न ये दुरी
जी चाहे आज सारी दुनिया बुला दू
नैनो में छुपा लू तुझे दिल में वसा लू
तेरी मेरी जोड़ी जन्मो से बंधी डोरी
मैं तुझपे कुर्बान दिल ये दीवाना है…………….