एक बूढ़ा रास्ते से कठिनता से चला जा रहा था। उस समय हवा बड़े जोरों से चल रही थी। अचानक उस बूढ़े का हैट हवा से उड़ गया। उसके पास ही तीन लड़के स्कूल जा रहे थे। उनसे बूढ़े ने कहा, “मेरा हैट उड़ गया है, उसे पकड़ो। नहीं तो मै बिना हैट का हो जाऊंगा।”
वे लड़के उसकी बात पर ध्यान न देकर टोपी के उड़ने का मजा लेते हुए हंसने लगे। इतने में नीतू नाम की एक लड़की, जो स्कूल में पढ़ती थी, उसी रास्ते पर आ पहुंची।
उसने तुरंत ही दौड़कर वह हैट पकड़ लिया और अपने कपड़े से धूल झाड़कर तथा पोंछकर उस बूढ़े को दे दिया। उसके बाद वे सब लड़के स्कूल चले गए।
गुरूजी ने हैट वाली यह घटना स्कूल की खिड़की से देखी थी। इसलिए स्कूल की सुबह की असेम्ली में उन्होंने सब विद्यार्थियों के सामने वह हैट वाली बात कही और नीतू के अच्छे काम के लिए नीतू को भेंट दी।
जो तीन लड़के गरीब की हैट उड़ते देखकर हंसे थे, वे इस घटना को देखकर बहुत लज्जित और दुखी हुए।