माना जाता है कि श्रीराम अवतार के समय
हनुमान जी को स्वयं भगवान श्रीराम ने
अमर होने का आशीर्वाद दिया था।
इसी कारण हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में रहा है
और आगे भी रहेगा, क्योंकि वे अजर-अमर हैं।
अंजनी सुत जब तक चाहें शरीर में रहकर
इस धरती पर मौजूद रह सकते हैं।
माना जाता है कि पूरे ब्रह्मांड में हनुमानजी ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनकी भक्ति से हर तरह के संकट तुरंत ही हल हो जाते हैं और यह एक चमत्कारिक सत्य है।
हनुमान जी की स्तुति के लिए आज के समय में सबसे सरल व सहज वंदना हनुमान चालीसा को माना गया है। हनुमान चालीसा का आधुनिक दुनिया में महत्व बहुत अधिक माना जाता है।
हनुमान चालीसा को महान कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा था । हनुमान चालीसा से पहले भी हनुमानजी पर कई चालीसा लिखी गई और कई स्तुतियां भी लिखी गई थीं लेकिन हनुमान चालीसा का महत्व इसीलिए आधुनिक युग में है क्योंकि यह पढ़ने और समझने बहुत ही सरल है और यह भी कि इस चालीसा में हनुमानजी के संपूर्ण चरित्र का वर्णन हो जाता है जिससे उनकी भक्ति करने में आसानी होती है।
हनुमानजी की भक्ति के लिए आप को ई भी स्तुति या वंदना पढ़ें लेकिन हनुमान चालीसा सच में ही अपने आप में एक संपूर्ण रामचरित मानस की तरह है।
हनुमान चालीसा लिखने वाले तुलसीदासजी राम के बहुत बड़े भक्त थे। उनके इसी विश्वास के कारण अकबर ने उन्हे बंदी बना लिया था। माना जाता है कि वहीं बैठकर उन्होंने हनुमान चालीसा लिखा था। अंत में ऐसे कुछ हुआ कि अकबर को उन्हें छोड़ना पड़ा था।
हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयाँ होते हैं जिसके कारण इसको चालीसा कहा जाता है। यदि कोई भी इसका पाठ करता है तो उसे चालीसा पाठ बोला जाता है। आधुनिक युग की भागम-भाग में हनुमान चालीसा ही एक ऐसा पाठ है जिसे तुरंत ही आसानी से पढ़ा जा सकता है, लेकिन उसके लिए हनुमानजी की श्रद्धा भक्ति होना जरूरी है।@सुषमा गौड
आज के युग में सनातन धर्म में हनुमान चालीसा का बड़ा ही महत्व है।हनुमान चालीसा के प्रभाव को तो धीरे धीरे पश्चिम की जनता ने भी स्वीकार करना शुरू कर दिया है।
कहा जाता है कि आज के युग में विश्व शक्ति माने जाने वाले राष्ट्र अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के सिर पर भगवान हनुमान जी का हाथ है। जी हां, बराक ओबामा हनुमानजी के बहुत बड़ भक्त हैं। इतने बड़े भक्त कि वो उनकी एक छोटी सी मूर्ति हमेशा अपनी जेब में रखते हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान बराक ओबामा ने बताया कि जब भी वो परेशान या थका हुआ महसूस करते हैं तो हनुमान जी से मदद मांगते हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें पॉजीटिव एनर्जी प्राप्त होती है।
हनुमान चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। इसके कारण ही वह संसार पर विजय प्राप्त कर लेता है।
इसके एक एक छंद का बहुत महत्व है जैसे-
1.बच्चे का पढ़ाई में मन ना लगे तो उसको इस छंद का पाठ करना चाहिए- बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।
2.मन में अकारण भय हो तो निम्न पंक्ति पढ़ना चाहिए- भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे।
3.किसी भी कार्य को सिद्ध करना हो तो यह पंक्ति पढ़ें- भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचन्द्र के काज सँवारे।
4.बहुत समय से यदि बीमार हैं तो यह पंक्ति पढ़ें- नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरन्तर हनुमत बीरा।
5.प्राणों पर यदि संकट आ गया हो तो यह पंक्ति पढ़ें- संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
या संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै
6.यदि आप बुरी संगत में पड़े हैं और यह संत छुट नहीं रही है तो यह पढ़ें- महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी
7.यदि आप किसी भी प्रकार के बंधन में हैं तो- जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई।
8.किसी भी प्रकार का डर है तो यह पढ़ें- सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना।
9.आपके मन में किसी भी प्रकार की मनोकामना है तो पढ़ें- और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।
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रामशरण ने कहा-" सर! जब मैं गांव से यहां नौकरी करने शहर आया तो पिताजी ने कहा कि बेटा भगवान जिस हाल में रखे उसमें खुश रहना। तुम्हें तुम्हारे कर्म अनुरूप ही मिलता रहेगा। उस पर भरोसा रखना। इसलिए सर जो मिलता है मैं उसी में खुश रहता हूं