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त्याग का प्रकाश !!

एक गांव में चारों ओर एक खबर फैली थी की एक बड़ा साधु गांव के बाहर एक पेड़ के निचे अपना एक आश्रम लगाया है। जो भी उनके पास अपनी समस्या लेकर जाता है, वह उनकी समस्या का समाधान करते है।उसी गांव में एक महिला रहती थी। जब यह बात उसकी कानो तक पहुंची, तो उसने दो-चार लोगों से साधु बाबा के बारे में पूछताछ की और जब उसे बाबा पर यकीन हो गया तो अगले ही दिन, वह अपने दश साल के बेटे को लेकर बाबा के पास पहुँच गया।

वहां जाकर उसने देखा की बाबा हर समस्या का समाधान कर रहे है। वह लोगों को इतनी अच्छी सलाह देते है की लोग उनकी बातो  प्रभावित होकर खुद ही अपनी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करते है। महिला साधु के पास पहुंची और बिनती करने लगी। उसने कहा, “हे महाराज, मुझे कुछ ऐसा उपाय बताइए की जिससे मेरा बेटा मिठाई खाना छोड़ दे। इसे मिठाई खाना बहुत अच्छा लगता है, मगर इसके पेट में कीड़े हो जाते है। यह बार-बार बीमार हो जाता है। डॉक्टर ने भी कहा है की जब तक यह मिठाई खाना नहीं छोड़ेगा, यह ठीक नहीं हो सकता। कृपया कर आप कुछ ऐसा उपाय बताए की यह मिठाई खाना छोड़ दे।”

महिला की बात सुनकर साधु सोच में पड़ गया। उसने महिला से कहा, “आप तीन दिन बार मेरे पास आए तभी मैं उपाय बताऊंगा।” महिला हैरान हो गई। उसे बहुत आश्चर्य हुआ। “जो साधु बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान चुटकियो में कर देते है, उसके लिए मेरी समस्या समाधान करने में तीन दिन लगेंगे।” यह सोचते हुए वह चुपचाप वहां से चली गई। तीन दिन बाद, महिला फिरसे साधु  पास पहुंची। साधु ने उसे एक उपाय बताया। उस उपाय को अपनाकर महिला के बेटे ने मिठाई खाना बंध कर दिया। वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गया।

कुछ दिनों बाद, महिला फिरसे साधु के पास पहुंची। साधु ने उसके बेटे के बारे में पूछा। महिला ने कहा, “आपकी कृपया से वह अभी पूरी तरह से स्वस्थ है, मगर महाराज मुझे एक बात समझ नहीं आई की इन सबकी बड़ी सी बड़ी समस्याओं का समाधान आप तुरंत ही बता देते थे और मेरी छोटी सी समस्या का समाधान करने के लिए आपने मुझे तीन दिन बाद आने को कहा।” साधु मुस्कुराए और मुस्कुराते हुए कहा, “बेटी, दरहसल मैं भी बहुत मिठाई खाता था इसलिए मैंने तुम्हे तीन दिन बाद बुलाया ताकि पहले मैं मिठाई खाना छोड़ सकू, क्यूंकि जिस समस्या से मैं खुद ग्रस्त हूँ उसका समाधान मैं किसी और को कैसे बता सकता हूँ।”

साधु की बात सुनकर महिला चुप हो गई। उसे यह बात समझ में आ गई थी वास्तब में यह साधु एक बहुत बड़े त्यागी है क्यूंकि एक सच्चा ज्ञानी वही हो सकता है जिसने सारे लोभ -मोह -बंधन का त्याग किया हो। ऐसे ही व्यक्ति जीवन में कल्याण कर सकते है।

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