कुछ बदमाश एक पेड़ पर टकटकी लगाए रहते थे जिस पर जहरीले फल आते थे। आम जैसे उन फलों को खाकर
जो व्यक्ति मर जाता था उसका सामान वे बदमाश आपस में बांट लेते थे। एक दिन “कोई अच्छी खबर है?” एक बदमाश ने पूछा
एक आदमी फल खा रहा है।” दूसरे ने चुप रहने का सकत करते हुए कहा।
“लगता तो बहुत धनवान है। आज तो दिन की शुरुआत ही अच्छी हुई है।” तीसरे बदमाश ने कहा।
“लगता है अब वह घर जा रहा है। उसका पीछा करते हैं।” चौथे बदमाश ने कहा।
थोड़ी ही देर बाद वह आदमी चकराकर गिर पड़ा और मर गया। “लगता है उस पर जहर का असर हो गया है। चलोहम अपना काम शुरू करे ।
फिर उन्होंने उस आदमी का सारा धन लूट लिया। “यह पेड़ हमें एक दिन जरूर मालामाल कर देगा।” पहला बदमाश बोला।
“हां भईजो भी इधर से गुजरता है इन जहरीले फलों को आम समझ बैठता है।” कहकर दूसरे बदमाश ने जोरदार कहकहा लगाया। इस पेड़ को कल्पवृक्ष ही समझो।” तीसरे बदमाश ने कहा एक दिन उन्होंने देखा कि चार आदमी उधर से गुजर रहे थे।
बदमाश उन्हें देखकर एक जगह छिपकर बैठ गए। वे चारों आदमी पीछे आ रहे एक काफिले के लोग थे। उनमें से एक ने पेड़ पर पके हुए आम देखे तो बोला, “देखोमैं पेड़ के ऊपर चढ़कर आम तोड़ता हूं। तुम लोग इकट्ठे कर लेना। ”
फिर वह पेड़ पर चढ़ गया और उसने खूब सारे फल तोड़े। उसके बाद जैसे ही वे खाने को हुए कि काफिला आ गया। काफिले के सरदार ने जब अपने आदमियों को पेड़ के नीचे देखा तो वह हत्प्रभ रह गयावह जोर से चिल्लाया, “रुको! फल मत खाना…ये जहरीले हैं।”
“जहरीलेमगर मैंने तो एक खा भी लिया है।” एक बोला। मैंने भी।” दूसरे ने कहा।
सरदार ने उन्हें विषनाशक दवा देते हुए कहाइसे तुरंत पी लो। इससे उल्टी हो जाएगी और जहर बाहर निकल आएगा। ”
इस सरदार को कस पता चला कि ये फल जहरीले हैं? ” बदमाशों के मुखिया ने कहा।
“यही तो मैं भी जानना चाहता हूं।” दूसरे ने कहा।
“पेड़ कोई ऐसा चिह्न होगा। चलो, जरा पता लगाएं।” उनके तीसरे पर जरूर साथी ने कहा।
तुम ठीक कहते हो, अगर अन्य राहगीर भी पेड़ के नजदीक नहीं आए तो हमारा तो धंधा ही चौपट हो जाएगा और भूखों मरने की नौबत आ जाएगी।”
फिर वह बदमाश छिपने की जगह से बाहर निकल आए “यहां क्या हो रहा है?” बदमाशों के मुखिया ने पूछा।
” भले आदमी, तुम्हारे आदमियों ने तो ये फल नहीं खा लिए?” काफिले के सरदार ने पूछा
“नहीं भाई” बदमाशों का मुखिया बोला ।
“मैं समय पर पहुंच गया अन्यथा मेरे साथी मौत के मुंह में चले जाते।” (1 सरदार ने कहा।
“लेकिन आपको कैसे पता चला कि ये फल जहरीले हैं?” बदमाशों के मुखिया ने पूछा
सीधी-सी बात है। गांव के इतने नजदीक पेड़ हो और ग्रामवासी तथा बच्चे उन फलों को तोड़े नहीं, यह कैसे
संभव हो सकता है। जबकि यह पेड़ फलों से लदा हुआ है। इस पर चढ़ना भी कोई मुश्किल काम नहीं है। बसइसी से मैंने अंदाजा लगा लिया कि ये फल जरूर |
जहरीले होंगे।” सरदार ने कहा”अब हम इस पेड़ को काट डालेंगे ताकि फिर कोई मुसाफिर
धोखे में न मारा जाए। ”
इतना कहकर सरदार ने अपने आदमियों को पेड़ काटने का आदेश दिया। पेड़ काटने के थोड़ी देर बाद उन निराश बदमाशों को वहीं छोड़कर काफिला आग बह गया।
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है : कथा-सार
आसपास के हालात को देखने के बाद ही उचित अनुचित का निर्णय लेना चाहिए काफिले का सरदार बुद्धिमान था जो समझ गया कि फल जहरीले हैं वरना पेड़ पर क्यों लटके रहते? बदमाशों को भी पता चल गया कि काठ की
हांड़ी बार-बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती।