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सुअर और भेड़ !!

एक मोटा-तगड़ा सुअर था। उसे हमेशा पकड़े जाने और मार डाले जाने का डर लगा रहता था। वह भेड़ों के बाड़े में रहने लगा। उसने सोचा कि यहाँ रहने पर उसे कोई नहीं देख पाएगा और वह बचा रहेगा।

एक दिन, चरवाहे ने उसे देख लिया और उसके कान पकड़कर बाहर खींच लाया। सुअर चीखता-चिल्लाता रहा और अपने को छुड़ाने का प्रयास करता रहा। पास खड़ी एक भेड़ उसे देख रही थी।

वह सुअर को समझाने लगी, “तुम इतने घबरा क्यों रहे हो? हमारा मालिक तो हमारे साथ अक्सर ऐसा ही करता है, लेकिन हम लोग तो नहीं चिल्लाते। ये चीखना-चिल्लाना बंद करो।”

सुअर ने उत्तर दिया, “मेरे दोस्त, मेरा मामला अलग है। तुम्हें वह ऊन निकालने के लिए पकड़ता होगा, पर मुझे तो वह काटकर गोश्त पकाने के लिए पकड़े है।”

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