बहुत समय पहले, एक कंजूस औरत एक गाँव में रहती थी। एक दिन भगवान संसार में घूमने निकले। उन्होंने उस कंजूस औरत के घर का दरवाजा खटखटाया और खाने के लिए कुछ मांगा।
वह औरत उन्हें कुछ देना तो नहीं चाहती थी, पर मना भी नहीं कर सकती थी। इसलिए वह जान-बूझकर धीरे-धीरे काम करने लगी। उसने धीरे-धीरे आटा गूंदा और रोटियाँ बेलने लगी।
लेकिन, हर बार वह गलत तरीके से बेलती और दोबारा कोशिश करती। इस तरह बहुत देर तक वह एक भी रोटी नहीं बना पाई। अंत में उसने भगवान से कहा-“मुझे देर लग रही है,
आप चाहें तो कहीं और से रोटी खा सकते हैं।” यह सुनते ही भगवान को बहुत क्रोध आया और उन्होंने उसे एक कठफोड़वा बना दिया। उस समय उसने लाल रंग की टोपी पहनी हुई थी, इसलिए कठफोड़वे का सिर लाल रंग का होता है। वह संसार का पहला कठफोड़वा था।