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भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है…

एक बार एक रघु नाम का लडका था. उस के माता- पिता नहीं थे. मंदिर में ढोलकी बजा कर जो पैसे मिलते उस से अपना गुजारा करता.

एक दिन जिस सेठ ने मंदिर बनवाया था उस की मृत्यु हो गई. और मंदिर का संचालन उसके बेटे के पास आ गया. जो विदेश से पढ़ कर आया था. उसने एक नियम बना दिया कि मंदिर का कोई भी कर्मचारी अंगूठा छाप नहीं होना चाहिए. वह कोरा अनपढ़ था. इस लिए उस की नौकरी चली गई.

रघु जो संतोष से जिंदगी जी रहा था अब भगवान को उलाहना देता है ,अपने मुझे अंगूठा छाप क्यों बनाया. मंदिर में आने वाले भक्तों को उस की नौकरी चली जाने का दुख होता था. तो कुछ भक्तों ने मिलकर मंदिर के सामने खाली पडी़ जमीन पर पूजा में काम आने वाला धूप, अगरबत्ती, प्रसाद आदि का ठेला लगवा दिया.

उसके पिता मरने से पहले धूप- अगरबत्ती बनाने की फैक्ट्री में काम करते थे. उसने अपने पिता से धूप अगरबत्ती बनाना सिखा था. अपनी ठेले पर बेचने वाले धूप वह स्वयं बनाता जिस की सुगंध पूरे घर या मंदिर को मंगलमय बना देती.

धीरे धीरे उस के धूप अगरबत्ती की मांग बढ़ने लगी, ओर वह धीरे धीरे तरक्की करता रहा. 25 साल बाद उस मंदिर का प्रबंध किसी ओर के पास आ गया. उस ने मंदिर का नवीनीकरण कराने की सोची.उस के लिए बहुत पैसे की जरूरत थी. इस लिए चंदा इकट्ठा करने की सोची गई.

चंदा लेने के लिए जब मंदिर के लोग उसके पास पहुंचे तो उसने 5 लाख का चेक भरकर उस पर अंगूठा लगा दिया. किसी ने उस से पूछा, “आप ने यह चेक स्वयं भरा तो उस पर अंगूठा क्यों लगाया? “

उस ने जवाब दिया, ” भगवान को शुक्रिया अदा करने के लिए उसने अंगूठा लगाया है कि भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है “.

वह बोला मैं समझा नही .

उसने उसे बताया कि, ” जिस मंदिर के लिए तुम मुझ से चंदा मांगने आए हो उस मंदिर में मैं पहले ढोलकी बजाने का काम करता था. मेरे अंगूठा छाप होने की वजह से मुझे मंदिर से निकाल दिया गया.

मंदिर से निकाल देने पर मैंने धूप-अगरबत्ती की दुकान खोली और बाद में उस का कारखाना. मेरी शादी हो गई और मुझे मेरी पत्नी ने पढ़ने के लिए प्रेरित किया. मैं पढ़ लिख तो गया और अब मैं BA पास हू. मैं अब भी अंगूठा भगवान को शुक्रिया अदा करने के लिए लगाता हूं. अगर उस समय भगवान ने मुझे अंगूठा छाप ना बनाया होता तो मैं शायद आज भी किसी मंदिर में ढोलकी बजा रहा होता”

अगर आज आप को भगवान ने मुसीबत में डाला है तो शायद उस मे आपके आने वाले सुनहरे भविष्य की नींव रखी है. इसलिए तो कहते हैं कि भगवान जो करता है अच्छे के लिए ही करता है.

Translate in English

Once there was a boy named Raghu. He didn’t have parents. He used to earn his livelihood by playing the dholki in the temple.

One day the Seth who had built the temple died. And the management of the temple came to his son. The one who came after studying abroad. He made a rule that no employee of the temple should have a thumb impression. He was completely illiterate. That’s why he lost his job.

Raghu, who was living his life with satisfaction, now blames God, why did you make me your thumb impression. The devotees coming to the temple were sad about the loss of his job. So some devotees together got a cart of dhoop, incense sticks, prasad, etc., used for worship, installed on the vacant land in front of the temple.

Before his death, his father used to work in a factory for making incense sticks. He had learned to make incense sticks from his father. The incense sold on his handcart was made by him himself, whose fragrance would make the whole house or temple auspicious.

Gradually the demand for his incense sticks started increasing, and he kept progressing slowly. After 25 years, the management of that temple came to someone else. He thought of renovating the temple. A lot of money was needed for that. That’s why it was thought of collecting donations.

When the people of the temple approached him to collect donations, he filled a check of 5 lakhs and put his thumb impression on it. Someone asked him, “You wrote this check yourself, so why did you put your thumb impression on it? He replied, “He has put his thumb to thank God that whatever God does, he does it for the good”.

He said, I did not understand.

He told him, “I used to play the dholki in the temple for which you have come to ask for donations from me. I was thrown out of the temple because of my thumb impression.

After being expelled from the temple, I opened a shop of incense sticks and later its factory. I got married and my wife inspired me to study. I went to study and now I am BA pass. I still use my thumb to thank God. If God had not made me a thumb impression at that time, I would probably still be playing the dholki in a temple.

If God has put you in trouble today, then perhaps the foundation of your bright future has been laid in that. That’s why it is said that whatever God does, he does it only for the good.

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