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आजा रे कन्हाई

आजा आजा रे कन्हाई तूने काहे देर लगाई
हो….  ओ ….  ओ…..
आजा आजा रे कन्हाई ,  मुझको याद है तेरी आई
मैंने दी है ये पलके बिछा
साँवरिया  आजा ना देर लगा , ओ कान्हा….  आजा ना अब तरसा

आँख मेरी भर आई ना आया तू क्यूँ कन्हाई
कैसी है ये रुसवाई ओ साँवरिया…..
ओ कान्हा.. धडकन तुझे पुकारे अंखिया रस्ता तेरा निहारे
ओ छलिया मुरली की तान सुना
सांवरिया जल्दी से तू घर आ, ओ कान्हा आजा ना देर लगा

लबों पे नाम तुम्हारा तु ही परिवार हमारा
तेरे बिन अब ना गुजारा ओ साँवरिया
ओ कान्हा…  क्या रखा बातो मे डोर मेरी तेरे हाथो मे
आकर मुझको गले से लगा
सांवरिया जल्दी से तू घर आ, ओ कान्हा आजा ना देर लगा

तू है कण कण समाया नरसी कर्मा ने बुलाया
तब भी तू दौडा  आया ओ साँवरिया….
ओ कान्हा…  जल्दी से घर आ रे दास विनायक तुझे पुकारे
तूने वादा किया जो निभा साँवरिया आजा ना देर लगा………

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