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अब न लागे जिया घर

अब न लागे जिया घर में परिवार में,
लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में,
श्याम के प्यार में कृष्ण के प्यार में,
लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में,

दिल हुआ है उसी का दीवाना,
गूंजे होठो में उसका तराना,
रहे आँखों में तस्वीर उसकी कहे पागल मुझे ये ज़माना,
मैं दीवानी फिरू बीच बाज़ार में,
लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में,

दिल की धड़कन में वोही बसा है,
रहे हर दम उसी का नशा है,
दिल लगा कर दया नंदन देखा आया जीने का असली मजा है,
अब न भावे मुझे कुछ भी संसार में,
लुट गई लुट गई श्याम के प्यार में,,,,,,,,

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