देवताओं का वास
गौ माता के दूध में 33 कोटि यानि प्रकार के देवताओं का वास है l इस कारण देसी गाय के दूध, दही, घृत एवं इसके गोबर मूत्र से बनी खाद से उपजाये हुए अन्न से हमारे महतत्व में आध्यात्मिक एव सकारत्मक प्रवृतियों का निर्माण होता है अतः सनातन धर्म के मानने वाले लोग लोग गौ रक्षा एवं सेवा का पुण्य अपने प्रारब्ध (भाग्य ) में संचित करे l दुसरी ओर तामसिक आसुरी वृत्ति के लोगों का क्या भविष्य हैं पढ़िए
” गोचर भूमि हङप करने वाला महापापी ” नर्कपाले तु चण्डाली काकमान्सं श्वचर्मणा।
चाच्छाद गोचररक्षोणीकृद्दृष्टभीतित ।।
अर्थात गायों के लिए गोचरभूमि छोङना महान् पूण्य और गोचरभूमि को नष्ट करना महापाप है ।
भारतवर्ष में आज गोचरभूमि पर बेईमानों ने कब्जा कर लिया है । गाय की भूमि हमनें छीन ली है, इसलिए वो दर- दर भटकने को मजबूर है और हम उसे अवारा कहकर दुत्कारते हैं । अवारा व महापापी हम हैं, जो हमनें गोचरभूमि को हङप लिया है । अतः हमें प्रयास करके गोचरभूमि को भ्रष्टाचारियों से मुक्त करवाना चाहिए l
नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च ।
जगत् हिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः ॥
जय श्री राम, जय महावीर हनुमान
जिस तरह थोडी सी औषधि., भयंकर रोगों को शांत कर देती हैl
उसी तरह….ईश्वर की थोडी सी स्तुति….बहुत से कष्ट और दुखों का नाश कर देती है
सर्वदेवमयी यज्ञेश्वरी
गौमाता को नमन
गाय में कौन कौन से देवता होते हैं?
गाय के गोबर में लक्ष्मी, गोमूत्र में भवानी, चरणों के अग्रभाग में आकाशचारी देवता, रंभाने की आवाज़ में प्रजापति और थनों में समुद्र प्रतिष्ठित हैं।
गाय किसकी सवारी होती है?
उनकी लगभग हर तस्वीर में गाय माता को उनके आसपास देखा जा सकता है। श्री कृष्ण की कोई भी तस्वीर गायों के बिना अधूरी मानी जाती है। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि गायों के बिना वह पूर्ण नहीं होते।
गौ माता किसका अवतार है?
ग्रंथों के अनुसार, गौमाता के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है. गौमाता के शरीर का शायद ही कोई भाग ऐसा हो, जिस पर किसी देवता का वास न हो. इस प्रकार गौमाता संपूर्ण ब्रह्मांड अर्थात साक्षात नारायण का स्वरूप हैं।
कौन सी गाय भाग्यशाली होती है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कामधेनु गाय में मां दुर्गा, लक्ष्मी जी और देवी सरस्वती के गुण होते हैं. घर पर कामधेनु और बछड़े की मूर्ति रखने से सुख-समृद्धि आती है और परिवार में खुशहाली रहती हैं।
गाय का संकेत क्या है?
यदि आपको घर से निकलते समय ही या फिर तुरंत रास्ते में गाय के दर्शन हो जाए, तो यह एक शुभ संकेत है। गाय को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस संकेत का मतलब है कि जल्द ही आपके घर में लक्ष्मी का आगमन होने वाला है। साथ ही रुके हुए सभी कार्य पूरे होने वाले हैं।