बढ़ी औऱ बेतरतीब दाढ़ी वाले किसी व्यक्ति को देख कर यह अन्दाज़ा लगाना बहुत ग़लत नहीं है कि अगर वह व्यक्ति बहुत ग़रीब नहीं है तो फ़िर वह ख़ुद के प्रति लापरवाह है या अच्छा दिखने में इसकी क़ोई रुचि नहीं है ।
लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो ऐसे व्यक्ति के बारे में राय थोड़ी कम नकारात्मक बनेगी ।
उनका कहना है कि बढ़ी हुई दाढ़ी की एक वज़ह हारमोन की गड़बड़ी भी हो सकती है ।
जो रोज़ शेव नहीं करता, उसको दिल का दौरा पड़ने की आशङ्का भी अधिक होती है ।
वैज्ञानिकों ने कहा कि उनकी इस बात को ऐसे न लिया जाये कि “शेव” नहीं करोगे तो दिल का दौरा पड़ेगा वरन इस रूप में लिया जाये कि दाढ़ी न बनाना एकदम से सामान्य बात नहीं है ।
यह अध्ययन ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी की एक टीम ने किया है ।
टीम ने 2348 अधेड़ लोगों को अपने अध्ययन की परिधि में रखा ।
टीम के सदस्यों ने पाया कि जो लोग रोज़ाना दाढ़ी नहीं बनाते, उन्हें दिल का दौरा पड़ने की आशङ्का रोज़ाना दाढ़ी बनाने वालों की तुलना में अधिक होती है ।
यह अध्ययन बीस सालों तक चला ।
इस दौरान 2438 लोगों में 835 लोगों की मौत हुई ।
यह पाया गया कि इन 835 लोगों में उन लोगों की सङ्ख्या 41 फीसदी थी जो रोज़ शेव नहीं करते थे ।
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि सिर्फ़ शेव न करने की वज़ह से ये 41 फीसदी लोग दिल के मरीज़ हुए ।
ये लोग धूम्रपान करते थे, इनकी दिनचर्या भी ठीक नहीं थी ।
हाँ, यह बात भी ध्यान देने वाली है कि ये सभी लोग रोज़ाना दाढ़ी भी नहीं बनाते थे ।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि रोज़ शेव न करने वाले लोगों का विवाह शेव करने वालों की तुलना में कम सफ़ल होता है ।