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बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो

या तो हस के नैन मिलाया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो
फागन में कान्हा तुम आया न करो
लठ लग जा का इतराया न करो……

राधे तू भी जाने इस दिल में जोर न
सारे बरसाने में तेरे जैसी और न,
होरी के वहाने बुलवाया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो…….

तेरी है फिकर कान्हा होरी लठ मार है,
नही पूरी बात ये रंगों का त्यौहार है
ये है मेहंगा शोंक फरमाया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो…..

भर पिचकारी मारी बच नही पाएगी
गाल का गुलाल लाऊ बोल काहा जायेगी
रंगों से राधा गबराया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो…..

चलने न दूंगी कान्हा आज तेरा जोर मैं
रंगों से कमल  करदू सारा बोर मैं
मोहे देख रसिया तुम गाया न करो
लठ लग जाएगा इतराया न करो
बरसाना भुलवा के दूर जाया न करो…………….

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