एक व्यक्ति दुनिया घूमकर आया और बड़ी-बड़ी बातें करने लगा। जो भी उसके पास जाता तो वह उससे कई प्रश्न किया करता। जब यह बात गौतम बुद्ध को पता चली तो वह वेश बदलकर उस व्यक्ति के पास पहुंचे।
उस व्यक्ति ने उनसे प्रश्न किया। ‘कौन हो तुम? कहीं ब्राह्मण तो नहीं।’ बुद्ध ने उत्तर दिया, ‘अपने शरीर और मन पर जिसका पूर्ण अधिकार है। मैं ऐसा ही एक मनुष्य हूं।’
जब उस व्यक्ति को कुछ समझ नहीं आया तो उसने कहा, ‘आप अपना उत्तर फिर से दें।’ तब बुद्ध ने कहा, ‘जिस तरह कुम्हार घड़े बनाता है, नाविक नौका चलाता है और विद्वान वाद-विवाद में भाग लेता है, उसी तरह ज्ञानी पुरुष स्वयं पर ही शासन करता है।’ युवक ने फिर से पूछा, ‘ज्ञानी पुरुष भला स्वयं पर शासन कैसे करता होगा?’
बुद्ध ने कहा, ‘लोगों द्वारा स्तुति की वर्षा किए जाने पर या निंदा के अंगारे बरसाने पर ज्ञानी पुरुष का मन शांत ही रहता है। प्रशंसा या निंदा का उस पर कोई असर नहीं पड़ता। युवक ने अपने बारे में सोचा तो उसे बड़ी आत्मग्लानि हुई।’
वह तुरंत बुद्ध के कदमों पर गिरकर बोला, ‘अब तक मैं भूल में था। मैं स्वयं को ही ज्ञानी समझता था पर आज मैंने जाना कि मुझे आपसे बहुत कुछ सीखना है।’
Hindi to English
A person came to the world and started talking big things. Anyone who went to him would have asked him many questions. When this thing came to know about Gautam Buddha, he changed the way and came to that person.
That person questioned them. ‘who are you? There is no Brahmin anywhere. ‘ Buddha replied, ‘Whose right is in his body and mind. I’m such a man. ‘
When the person did not understand anything then he said, ‘you give your answer again.’ Then Buddha said, ‘The way the potter makes pitches, the sailor runs the yacht and the scholar participates in debate, so the wise men rule themselves.’ The young man asked again, ‘How can a wise man rule himself?’
Buddha said, “The mind of the wise man remains calm only when rain is rained upon by people or by condemnation. Praise or condemnation do not affect it. When the young man thought about himself, he became very self-confident. ‘
She immediately fell on Buddha’s feet and said, ‘By now I was in error. I used to think myself as a wise, but today I know that I have to learn a lot from you. ‘