2009 में प्रियदर्शन ने इरफान खान और शाहरुख खान को लीड लेकर एक फिल्म बनाई बिल्लू बार्बर। ये एक मलयालम फिल्म का रिमेक था। इसकी कहानी दो ऐसे दोस्तो की थी जो काफी वक्त पहले एक दूसरे से अलग हो गए। इरफान का किरदार बिल्लू एक छोटे से गांव में नाई बनकर रह गया, और उसका दोस्त साहिल (शाहरुख) बहुत बड़ा फिल्म स्टार बन गया। बिल्लू अपने बीवी बच्चों को अपने बचपन के दोस्त की कहानियां सुनाया करता था।
एक दिन अचानक साहिल खान शूटिंग के लिए उसी के गांव में आने का फैसला करता है, बीवी बिल्लू को जोर देती है कि जो मिल लो उससे दोस्त है तुम्हारा। बिल्लू तमाम कोशिशें करता है पर साहिल के आस पास भी नही पहुंच पाता। गांव में शोर मच जाता है कि बिल्लू साहिल का दोस्त है। गांव वाले बिल्लू की आव भगत शुरू करते है पर जब बिल्लू खुद साहिल से मिलने में नाकाम रहता है तो गांव वाले बिल्लू को धोखेबाज और झूठा मान लेते है। फिल्म के क्लाइमेक्स में साहिल खान मंच पर अपने संघर्ष की कहानी बताता है कि किस तरह से बचपन में उसका एक दोस्त था जिसने अपने कान की बाली बेची तो साहिल मुंबई आकर स्टार बना। साहिल ने बहुत ढूंढने की कोशिश की पर बिल्लू मिला नही। बिल्लू की आंखे भर आती है ये सोचकर कि उसके दोस्त को वो अब तक याद है। ये फिल्म कृष्ण और सुदामा की दोस्ती से प्रेरणा लेकर बनाई गई थी।
इस फिल्म की रिलीज के कई साल बाद दुनिया के महशूर फुटबॉलर रोनाल्डो एक इंटरव्यू में बैठे बात कर रहे थे, वहा उन्होंने बताया कि संघर्ष के दिनों में वो अपने घर से दूर एक स्टेडियम में रहते थे। इस स्टेडियम के बगल में एक मैकडोनाल्ड था। रोनाल्डो और उनके दोस्त रात के दस ग्यारह बजे, मैकडोनाल्ड के पीछे वाले गेट पर खड़े हो जाते और अंदर काम कर रही तीन लड़कियों से बचा हुआ हैम बर्गर मांगते थे। वो लड़किया अक्सर रोनाल्डो और बाकी बच्चो को फ्री में बर्गर खाने के लिए देती थी। आगे जाकर रोनाल्डो बहुत कामयाब हुए, अकूत दौलत कमाई, उन्होंने उन लड़कियों को ढूंढने की कोशिश की पर उन्हे मिली नही।
उन तीन लड़कियों में से एक लड़की एडना अपने बच्चो को अक्सर रोनाल्डो और बर्गर वाली बात बताया करती थी। बच्चे यकीन करते थे या नही पता नही। पर रोनाल्डो इतनी ऊंचाई पर पहुंच चुका थे कि एडना के लिए रोनाल्डो के आस पास पहुंचना नामुमकिन था।
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रामशरण ने कहा-" सर! जब मैं गांव से यहां नौकरी करने शहर आया तो पिताजी ने कहा कि बेटा भगवान जिस हाल में रखे उसमें खुश रहना। तुम्हें तुम्हारे कर्म अनुरूप ही मिलता रहेगा। उस पर भरोसा रखना। इसलिए सर जो मिलता है मैं उसी में खुश रहता हूं