यदि टाइम ट्रेवल फंतासी मूवी देखना चाहते हैं,तो एक बार तो बड़े आराम से यह मूवी देखी जा सकती है।
मात्र 40 करोड़ के बजट में बनी यह तेलगु फ़िल्म वर्ष 2022 में बिना किसी बड़े नाम के रिलीज़ हुई थी,बावजूद इसके मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।फ़िल्म आरंभ होती है शास्त्री से जो वर्तमान समय में एक गुफा में बंद महान राजा बिम्बिसार के अकल्पनीय खजाने के साथ धन्वन्तरि शास्त्र को भी प्राप्त करना चाहता है जिससे कोई भी असाध्य से असाध्य रोग ठीक हो सकता है,परन्तु गुफा के दरवाजे पर स्वयं राजा बिम्बिसार के हस्त एवम आवाज का कोड लगा हुआ है,मतलब स्वयं राजा बिम्बिसार ही उस दरवाजे को खोल सकते हैं, इस दरवाजे को खोलने की कोशिश में शास्त्री मर जाता है,अब उसका बेटा बड़ा होता है और डॉक्टर बनता है और एक अघोरी की सहयाता लेता है और उसके जीवन का एक ही मकसद है धन्वन्तरि शास्त्र को प्राप्त करना।
इधर 5वी शताब्दी में कहानी शिफ्ट होती है जहां बलिष्ठ,महापराक्रमी परन्तु क्रूर,घमंडी राजा बिम्बिसार का विशाल राज्य त्रिगतल्ला है,अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए बिम्बिसार एक बड़े राज्य को हराकर उसकी राजकुमारी (कैथरीन ट्रेसा)को बंदी बना लेता है,और अपने ही राज्य के एक पवित्र गाँव के लोगों खुद सिर्फ इसलिए मार देता है जिसमे एक छोटी बच्ची भी शामिल थी,कि उसके आदेश की अवहेलना की गई थी।इस गाँव के मुखिया के पास ही धन्वन्तरि शास्त्र है जिससे इनका गाँव वर्षों से लोगों के असाध्य रोग ठीक करके सेवा कर रहा है,बिम्बिसार धन्वन्तरि शास्त्र छीन लेता है,और उसे अपने द्वारा किये नरसंहार का कोई अफसोस नहीं हैं।
अगले ही दिन बिम्बिसार को एक मायावी दर्पण उपहार में मिलता है,और सामने आता है उसका जुड़वा भाई, जिसको वर्षों पहले बिम्बिसार ने हत्या कर मरा हुआ समझ लिया था,जिसका नाम देवदत्त है, देवदत्त भी बिम्बिसार की तरह पराक्रमी है और किसी तरह बिम्बिसार को मायावी दर्पण में धकेल कर खुद राजा बन जाता है और सबको यही लगता यही बिम्बिसार है,दर्पण में धकेले जाने से बिम्बिसार 5वीं शताब्दी से सीधे वर्तमान युग में आ जाता है,जिसका पता उस अघोरी को चल जाता है,और वो शास्त्री के बेटे को बताता है,कि बिम्बिसार इस युग में आया है उसे ढूंढो और उसी से उस गुफा के दरवाजा खुलवाओ।
यहाँ वर्तमान युग में भी बिम्बिसार के दम्भ में कोई कमी नहीं है,बलशाली है और यहां भी खुद को राजा मान रहा है,यहां बिम्बिसार को अपने ही वंशजों का परिवार मिल जाता है,जिसमे उसी बच्ची ने पुनर्जन्म लिया है जिसे गाँव में खुद बिम्बिसार ने मार दिया था।परिस्थितियों में परिवर्तन इस प्रकार होता है कि एक क्रूर राजा सह्रदयी,धर्मपरायण व्यक्ति बन जाता है,कैसे खुलेगा बिम्बिसार के खजाने की गुफा का दरवाजा,और कैसे फ़िल्म अपने अंत तक पहुंचती है स्वयं देख कर आनन्द लें।
फ़िल्म के नायक नन्दमुरी कल्याण राम ने बिम्बिसार की भूमिका जबरदस्त तरीके से निभाई है,मॉर्डन युग में जब बिम्बिसार राजा महाराजा वाले कपड़े छोड़कर सूट बूट पहनता है,तब भी उसका स्वेग राजा वाला ही रहता है।बाकी सबने अच्छा काम किया है,कैथरीन ट्रेसा, संयुक्ता मेनन, प्रकाश राज प्रभावी रहे हैं। निर्देशन मालिडी वशिष्ठ ने किया है जो इनकी डेब्यू फिल्म है।बच्चों के साथ बड़े आराम से फ़िल्म देखी जा सकती है,हो सकता है बच्चे फ़िल्म ज्यादा एन्जॉय करें,कोई भी दृश्य असहज नहीं करता,साफ सुथरी फ़िल्म है,अंत तक आपको मज़ा आएगा। फ़िल्म zee 5 पर उपलब्ध है