*बड़े ही शर्म की बात है कि महाराज विक्रमादित्य के बारे में देश को लगभग शून्य बराबर ज्ञान है, जिन्होंने भारत को सोने की चिड़िया बनाया था, और स्वर्णिम काल लाया था*
उज्जैन के राजा थे गन्धर्वसैन , जिनके तीन संताने थी , सबसे बड़ी लड़की थी मैनावती , उससे छोटा लड़का भृतहरि और सबसे छोटा वीर विक्रमादित्य…
बहन मैनावती की शादी धारानगरी के राजा पदमसैन के साथ कर दी , जिनके एक लड़का हुआ गोपीचन्द , आगे चलकर गोपीचन्द ने श्री ज्वालेन्दर नाथ जी से योग दीक्षा ले ली और तपस्या करने जंगलों में चले गए , फिर मैनावती ने भी श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग दीक्षा ले ली ,
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रामायण, और महाभारत जैसे ग्रन्थ खो गए थे, महाराज विक्रम ने ही पुनः उनकी खोज करवा कर स्थापित किया विष्णु और शिव जी के मंदिर बनवाये और सनातन धर्म को बचाया विक्रमदित्य के 9 रत्नों में से एक कालिदास ने अभिज्ञान शाकुन्तलम् लिखा, जिसमे भारत का इतिहास है। अन्यथा भारत का इतिहास क्या मित्रो हम भगवान् कृष्ण और राम को ही खो चुके थे।
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हमारे ग्रन्थ ही भारत में खोने के कगार पर आ गए थे, उस समय उज्जैन के राजा भृतहरि ने राज छोड़कर श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से योग की दीक्षा ले ली और तपस्या करने जंगलों में चले गए , राज अपने छोटे भाई विक्रमदित्य को दे दिया , वीर विक्रमादित्य भी श्री गुरू गोरक्ष नाथ जी से गुरू दीक्षा लेकर राजपाट सम्भालने लगे और आज उन्ही के कारण सनातन धर्म बचा हुआ है, हमारी संस्कृति बची हुई है।
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महाराज विक्रमदित्य ने केवल धर्म ही नही बचाया उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर सोने की चिड़िया बनाई, उनके राज को ही भारत का स्वर्णिम राज कहा जाता है।
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विक्रमदित्य के काल में भारत का कपडा, विदेशी व्यपारी सोने के वजन से खरीदते थे
भारत में इतना सोना आ गया था की, विक्रमदित्य काल में सोने की सिक्के चलते थे , आप गूगल इमेज कर विक्रमदित्य के सोने के सिक्के देख सकते हैं।
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हिन्दू कैलंडर भी विक्रमदित्य का स्थापित किया हुआ है। आज जो भी ज्योतिष गणना है जैसे , हिन्दी सम्वंत , वार , तिथीयाँ , राशि , नक्षत्र , गोचर आदि उन्ही की रचना है , वे बहुत ही पराक्रमी , बलशाली और बुद्धिमान राजा थे।
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कई बार तो देवता भी उनसे न्याय करवाने आते थे , विक्रमदित्य के काल में हर नियम धर्मशास्त्र के हिसाब से बने होते थे, न्याय , राज सब धर्मशास्त्र के नियमो पर चलता था
विक्रमदित्य का काल राम राज के बाद सर्वश्रेष्ठ माना गया है, जहाँ प्रजा धनि और धर्म पर चलने वाली थी।
English Translation
* It is a matter of shame that the nation has almost zero knowledge about Maharaj Vikramaditya, who made India a golden bird, and brought the golden period *
Gandharvasan, the king of Ujjain, who had three children, was the eldest girl, Manavati, the younger boy Bhrithari and the youngest hero was Vikramaditya…
Sister Manavati was married to Raja Padmasman of Dharanagari, who had a son Gopichand, later Gopichand took yoga initiation from Shri Javlender Nath ji and went to the jungles to do penance, then Manavati also with Sri Guru Goraksha Nath ji Took yoga initiation,
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Books like Ramayana, and Mahabharata were lost, it was Maharaja Vikram who rediscovered and established temples of Vishnu and Shiva and saved Sanatana Dharma, Kalidasa, one of the 9 gems of Vikramaditya, wrote Abhigyan Shakuntalam, in which the history of India. is. Otherwise, the history of India, friends, we had lost only Lord Krishna and Rama.
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Our texts were on the verge of being lost in India, at that time, Bhrithari, the king of Ujjain, left Raj and took initiation of yoga from Sri Guru Goraksha Nathji and went to the jungles to do penance, gave Raj to his younger brother Vikramaditya, Veer Vikramaditya also started the Rajpati with Guru Diksha from Shri Guru Goraksha Nath Ji and today due to him, Sanatan Dharma is left, our culture is left.
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Maharaj Vikramaditya not only saved the religion, he made the country financially a gold bird, his rule is called the Golden Raj of India.
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During the time of Vikramaditya, the cloth of India, foreign merchants used to buy it with the weight of gold.
There was so much gold in India, gold coins used to run during the Vikramaditya era, you can see the gold coins of Vikramaditya by doing a Google image.
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The Hindu calendar is also founded by Vikramaditya. Today whatever astrological calculations like, Hindi Samvant, Var, Dates, Rashi, Nakshatra, Transit etc. are the creation of them, they were very powerful, powerful and intelligent kings.
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Many times the gods also used to get justice done by them, in Vikramaditya’s rule, every rule was made according to theology, justice, rule all followed the rules of theology.
The period of Vikramaditya is considered to be the best after Ram Raj, where the subjects were to run on wealth and religion.