कैसे हुआ शनि देव का जन्म?*
शनि देव के जन्म को लेकर लोगों में अलग-अलग मान्यताएं हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार शनि महाराज, भगवान सूर्य और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं। सूर्य देव का विवाह राजा दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुआ था। विवाह के कुछ सालों तक संज्ञा उनके साथ ही रहीं, लेकिन सूर्य देव का तेज बहुत अधिक था, जिसे वो अधिक समय तक सहन नहीं कर पाईं। इसलिए संज्ञा ने अपनी छाया को सूर्य देव की सेवा में छोड़ दिया और खुद तपस्या करने चली गयी। कुछ समय बाद छाया ने शनि देव को जन्म दिया।
*क्यों मिला नव ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ स्थान?*
धर्मग्रंथो के अनुसार जब शनि देव गर्भ में थे, तब उनकी माता छाया ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। गर्भवती होने के चलते कठोर तपस्या का प्रभाव गर्भ में पल रहे शनि देव पर पड़ा और उनका रंग काला हो गया। शनि के काले रंग को देख सूर्य देव ने शनि को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया। पिता के अपमान से नाराज़ शनि देव ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। उनकी साधना से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें वरदान दिया और कहा कि आज से नवग्रहों में तुम्हारा स्थान सर्वश्रेष्ठ होगा। केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि देवता भी तुम्हारे नाम से भयभीत होंगे।
*शनि जयंती के दिन ऐसे करें पूजा*
शनि जयंती के दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा और व्रत किया जाता है। इस दिन दान-पूण्य एवं पूजा करने से शनि से संबंधित सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। चलिए जानते हैं शनि जयंती के दिन की जाने वाली विशेष पूजा के विषय में-
शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
उसके बाद एक लकड़ी के पाट पर काला कपड़ा बिछाकर शनिदेव की मूर्ति या फोटो को स्थापित करें।
शनिदेव की मूर्ति या फोटो को सरसों या तिल के तेल से स्नान कराए और उनकी पूजा करें।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।
पूजा में शनि मंत्र “ *ॐ शनिश्चराय नम:* ” का उच्चारण ज़रूर करें।
इस दिन शनिदेव से संबंधित वस्तुओं जैसे कि काले कपड़े, जामुन, काली उड़द, काले जूते, तिल, लोहा, तेल, आदि का दान करें।
शनि जयंती के दिन पूजा के बाद दिन भर उपवास रहें।
*शनि को प्रसन्न करने के अचूक उपाय*
शनि देव की पूजा के लिए सप्ताह में शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है। हिन्दू धर्म में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोग ढेरों उपाय आदि किये जाते हैं। चलिए बताते हैं आपको शनि देव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय-
(१) काली गाय की सेवा करने से शनि का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाता है। ऐसा हर रोज़ करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है।
(२) जीवन को सुखमय बनाने के लिए सबसे पहली रोटी काली गाय को खिलाकर, उन्हें सिंदूर का तिलक लगाएँ।
(३) शनि देव को प्रसन्न करने के लिए हर शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा करें या पीपल के पेड़ पर जल या दूध चढ़ाएं।
(४) पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाने से भी शनि की कृपा सदैव रहती है।
(५) हर रोज़ शनि की पूजा करने से और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से शनि देव के दुष्प्रभावों से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।
(६) शनि का आशीर्वाद पाने के लिए अपने भोजन में काला नमक और काली मिर्च का इस्तेमाल ज़रूर करें।
English Translation
How Shani Dev was born? *
People have different beliefs about the birth of Shani Dev. According to a legend, Shani Maharaj is the son of Lord Surya and his wife Chhaya. Surya Dev was married to Noun, the daughter of King Daksha. For a few years after marriage, Noun remained with them, but the glory of Surya Dev was too much, which she could not bear for a long time. So Noun left his shadow in the service of the Sun God and went to do penance himself. After some time Chhaya gave birth to Shani Dev.
* Why got the best place among the new planets? *
According to the scriptures, when Shani Dev was in the womb, his mother Chhaya had done harsh penance to Lord Shiva. Due to being pregnant, the harsh austerity had an effect on Shani Dev, who was growing in the womb and his color turned black. Seeing the black color of Saturn, Sun God refused to consider Shani as his son. Angered by the father’s insult, Shani Dev performed a severe penance to Lord Shiva. Pleased with his practice, Shivji gave him a boon and said that from today your place in the Navagrahas will be the best. Not only humans but also gods will be afraid of your name.
* Do pooja on Shani Jayanti day
On the day of Shani Jayanti, Shani Dev is worshiped and fasted through rituals. On this day, all the troubles related to Shani are removed by doing charity and worship. Let us know about the special worship done on the day of Shani Jayanti –
On the day of Shani Jayanti, wake up early in the morning and take bath etc.
After that, install a statue or photo of Shanidev by laying black cloth on a wooden board.
Bathe the idol or photo of Shani Dev with mustard or sesame oil and worship him.
To please Shani Dev, Hanuman ji should also be worshiped.
In the worship, definitely chant the Shani mantra “* ॐ Shani Sashrai Nam: *”.
On this day, donate items related to Shani Dev such as black clothes, berries, black urad, black shoes, sesame, iron, oil, etc.
Fast on the day after worship on the day of Shani Jayanti.
* Surefire ways to please Shani *
Saturdays have been fixed in the week for the worship of Shani Dev. In Hinduism, many measures are done to appease Shani Dev. Let us tell you the surest ways to please Shani Dev-
(1) By serving black cow, the ill effects of Shani are eliminated. By doing this every day, the grace of Shani Dev remains.
(2) To make life happier, first of all feed the black cow and apply tilak of vermilion to them.
(3) To appease Shani Dev, worship the Peepal tree every Saturday or offer water or milk to the Peepal tree.
(4) The grace of Saturn always remains even by burning a lamp of mustard oil under the Peepal tree.
(5) By worshiping Shani every day and chanting the Mahamrityunjaya Mantra, a person gets rid of the ill effects of Shani Dev.
(4) To get the blessings of Shani, use black salt and black pepper in your diet.