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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : नेउर!!

मौसम का मिजाज बदला हुआ था। बरसात के दिन थे। आकाश में बादल इधर-उधर भाग रहे थे, आपस में गले मिल रहे थे। कभी छाया, तो कभी चमकती धूप हो रही थी। ऐसा लग रहा था मानों सूरज और बादलों में लड़ाई हो रही हो। वहीं, गांव के बाहर कई मजदूर एक खेत में मेड़ बांध रहे थे। सभी पसीने …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : वफा का खंजर!!

विजयगढ़ और जयगढ़ राज्य में कई तरह की समानताएं थीं। दोनों ही बेहद संपन्न, मजबूत और धार्मिक राज्य थे। दोनों राज्य के रस्म-ओ-रिवाज ही नहीं, बल्कि बोली भी एक सी ही थी। यहां तक की विजयगढ़ और जयगढ़ राज्यों की लड़कियों की शादी भी एक दूसरे राज्य में होती थी। अंतर की बात करें, तो यही था कि जयगढ़ की …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : माता का हृदय!!

माधवी के पति की 22 साल पहले मौत हो गई थी। उसके पास कोई धन दौलत नहीं थी और संपत्ति के नाम पर सिर्फ एक बेटा था, जो इस वक्त जेल में बंद था। अपने उस घर में वो अकेली पड़ गई थी और उसके आंसू तक पोंछने वाला कोई नहीं था। माधवी ने बड़ी दुख तकलीफों को झेलते हुए …

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छोटे चूहे और बड़े हाथी

एक बार किसी समय पर एक गाँव भूकम्प से पूरी तरह तबाह हो गया था। गाँव के सारे मकान नष्ट हो गये थे और गाँव खण्डहर में बदल गया था। इस प्रकार सभी गांव-वासी गाँव से पलायन करने को मजबूर हो गये और वह रहने के लिए अन्यत्र किसी स्थान को खोजने लगे। खाली गाँव चूहों का आवास बन गया। …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : ईदगाह!!

रमजान का पाक महीना खत्म होने के बाद आखिरकार वो दिन आ गया जिसका सबको इंतजार था। आज ईद का दिन है। इस मनोहर और सुंदर दिन की बधाई पूरे गांव में किसी शहनाई की तरह गूंज रही है। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आ रही है। खेतों में अलग ही रौनक नजर आ रही है। हर जगह देखकर …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : अंधेर!!

साठे में नागपंचमी के दिन सभी जवान लड़कों ने अलग-अलग रंगों की कुश्ती के कपड़े सिलवाए। ढोल-नगाड़े बज रहे थे, क्योंकि कुश्ती का मुकाबला होने वाला था। महिलाएं आंगन को गोबर से लीपकर गीत गाती हुई नाग देवता को पूजने के लिए कटोरी में दूध लेकर जा रही थीं। साठे की तरह ही पाठे दोनों गंगा किनारे बसे हुए गांव …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : आप-बीती

साहित्यकारों की जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी जरूर आता है, जब प्रशंसकों की तरफ से उन्हें ढेरों पत्र प्राप्त होते हैं और वो खुशी से झूम उठते हैं। यह एक ऐसा वक्त होता है जब लेखक अपनी सारी समस्याओं को भूल खुशी का अनुभव करता है। वो पत्रों के सागर में डूब जाता है और लहरों के साथ कल्पना …

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अलिफ लैला – दरियाबार की शहजादी की कहानी!!

शहजादी ने जैनुस्सनम और हैरन के 49 शहजादों को कहानी सुनाना शुरू किया। उसने बताया कि मैं काहिरा के पास के द्वीप दरियाबार के बादशाह की बेटी हूं। मेरे अब्बा ने सालों दुआ की थी, जिसके बाद मैं पैदा हुई। मुझे उन्होंने राजनीति, घुड़सवारी और राज्य को चलाने के लिए जरूरी अन्य सभी कौशल की विद्या दी। उनकी इच्छा थी …

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भूत की कहानी : भूतिया ढाबा |!!

एक दिन बच्चों ने पिकनिक जाने की बात कही। यह सुनते ही अंकिता की रूह कांप गई, क्योंकि उसे एक पुराना किस्सा याद आ गया। ये बात तब कि है जब अंकिता 10वीं क्लास में पढ़ रही थी। एक दिन टीचर ने पिकनिक का प्लान बनाया था। अपने सभी दोस्तों के साथ अंकिता ने भी जाने के लिए हां कर …

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भूत की कहानी : रास्ते का भूत!!

रवि नाम का एक लड़का दिल्ली की किसी फैक्ट्री में सफाई का काम किया करता था। उसके घर से फैक्ट्री करीब पांच किलोमीटर दूर थी। वो हमेशा अपनी साइकिल से ही फैक्ट्री जाता था। रोज की ही तरह आज भी वो घर से फैक्ट्री के लिए निकला। उसे रास्ते में पड़ने वाले एक चौराहे पर एक लड़की दिखी, जो उसे …

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