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Méditations & Pranayams sans mantra

exercise-set-mind-body-synchronization

Capacité aérobic et efficacité 384 Séries respiratoires de base 385 Exercice de prise de conscience de la respiration 386 Respiration du feu avec les mains en pattes de lion 387 Méditation pour une autorité naturelle constante 388 Méditation pour l’envergure de la vie 389 Méditation avec mudra pour la « polarité composite » 390 Pour stimuler le système immunitaire : …

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Séries & Kriyas

Exercise Set for State of Mind and Paranoia

ECHAUFFEMENT Surya namaskara (La salutation au soleil) 336 LES SERIES FAVORITES DES ENSEIGNANTS Eveillez-vous à vos dix corps 337 Série de base pour l’énergie de la colonne vertébrale 339 Flexibilité et colonne vertébrale 340 Kriya pour l’élévation 343 Nabhi kriya 345 Nabhi kriya pour prana et apana 346 Sat kriya 348 Renforcement de l’aura 349 Pression sur les surrénales et …

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पैसा पाने के लिए पैसा दें (Give money to get money)

2000 thousand rupees in india

पैसा देना अपने जीवन में ज्यादा पैसा लाने की जबर्दस्त तकनीक है, क्योंकि यह करते समय दरअसल आप कहरहे हैं, “मेरे पास बहुत पैसा है।” हैरानी की कोई बात नहीं है कि दुनिया के सबसे दौलतमंद लोग सबसे बड़े दानवीर होते हैं। वे बहुत हड़ी रकम दान देते हैं और इसके बाद आकर्षण के नियम के माध्यम से ब्रह्मांड बदले …

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अपनी नियामतें

आपने लोगों को कहते सुना होगा कि अपनी नियामतें गिनो! जब आप कृतज्ञ होने के लिए चीजें खोजते हैं, तो दरअसल आप बिल्कुल यही कर रहे होते हैं। लेकिन हो सकता है आपको यह अहसास न हो कि अपनी नियामतें गिनना एक बहुत ही शक्तिशाली अभ्यास है, जिससे आपका पूरा जीवन जादुई ढंग से बदल जाएगा! जब आप अपने पास …

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प्रेम शक्ति

प्रेम ब्रह्मांड की सबसे बड़ी शक्ति है । प्रेम का भाव सर्वोच्च है जिसे आप प्रेषित कर सकते हैं । अगर आप अपने हर विचार को प्रेम में सराबोर कर सकें, अगर आप हर वस्तु और व्यक्ति से प्रेम कर सकें, तो आपके जीवन का कायाकल्प हो जाएगा । आप अपने बुरे विचारों से किसी दूसरें का नहीं, सिर्फ अपना …

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श्रीराम जी और श्रीकृष्ण जी

shree raam jee aur shree krshn jee

श्रीसूत जी ने श्रीमद्भागवत में कहा है – ‘एते चांशकला: पुंस: कृष्णस्तु भगवान्स्वयम्’ इस वचन से यह स्पष्ट होता है कि भगवान ने यदि अपने किसी अवतार में अपने भगवान होने को साफ – साफ प्रकट किया है तो वह केवल श्रीकृष्णावतार में । अन्य अवतारों में उन्होंने इस भेद को इस प्रकार नहीं खोला । कहा जा सकता है …

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पर्वों और त्यौहारों का महत्त्व क्यों ?

chalo man shri vrindavan dham bhajan

पर्व और त्यौहारों में मनुष्य के बीच, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य को सर्वाधिक महत्त्व प्रदान किया गया है । यहां तक कि उसे पूरे ब्रह्मांड के कल्याण से जोड़ दिया है । इनमें लौकिक कार्यों के साथ ही धार्मिक तत्वों का ऐसा समावेश किया गया है, जिससे हमें न केवल अपने जीवन निर्माण में सहायता मिले, बल्कि समाज …

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भगवान शिव के अवतार

Rakshak Parbhu

जो ब्रह्मा होकर समस्त लोकों की सृष्टि करते हैं, विष्णु होकर सबका पालन करते हैं और अंत में रुद्ररूप से सबका संहार करते हैं, वे सदाशिव मेरी परमगति हों । शैवागम में रुद्र के छठें स्वरूप को सदाशिव कहा गया है । शिवपुराण के अनुसार सर्वप्रथम निराकार परब्रह्म रुद्र ने अपनी लीला शक्ति से अपने लिए मूर्ति की कल्पना की …

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भगवान कौन है ? (Who is God?)

Who is God?

प्राय: यह प्रश्न किया जाता है – भगवान कौन है ? और यह भगवान कहां रहता है ? गीता में कृष्ण ने कहा है – ‘मन की आंखें खोलकर देख, तू मुझे अपने भीतर ही पाएगा’ । भगवान कण – कण में व्याप्त हैं । ‘भगवान’ नाम कब प्रारंभ हुआ ? किसने यह नाम दिया, यह कोई नहीं जानता । …

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योगेश्वर श्रीकृष्ण

Suni Kanha Teri Bansuri

रासलीला तथा अन्यान्य प्रकरणों में श्रीकृष्ण नाम के साथ महर्षि वेदव्यास के द्वारा ‘योगेश्वर’ शब्द का प्रयोग होते हुए देखकर साधारण पाठकों के हृदय में सन्देह उत्पन्न होता है कि इस प्रकार के पुरुष योगेश्वर कैसे हो सकते हैं । विदेशी लोगों ने तो भ्रमवश श्रीकृष्णभगवान को ‘INCARNATION OF LUST’ अर्थात् कामकलाविस्तार का ही अवतार कह दिया है । हमारे …

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