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अक्षय पात्र का रहस्य

Akṣay paatr kaa rahasy

महाभारत में अक्षय पात्र संबंधित एक कथा है। जब पांचों पांडव द्रौपदी के साथ 12 वर्षों के लिए जंगल में रहने चले गए थे, तब उनकी मुलाकात कई तरह के साधु-संतों से होती थी लेकिन पांचों पांडवों सहित द्रौपदी को यही चिंता रहती थी कि वे 6 प्राणी अकेले भोजन कैसे करें और उन सैकड़ों-हजारों के लिए भोजन कहां से …

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सांई बाबा मंदिर, शिरडी

Shai Baba Temple, Shirdi

सांई बाबा एक भारतीय गुरु, योगी और फकीर थे, उन्हें उनके भक्तों द्वारा संत कहा जाता है। उनके असली नाम, जन्म, पता और माता पिता के सन्दर्भ में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। सांई शब्द उन्हें भारत के पश्चिमी भाग में स्थित प्रांत महाराष्ट्र के शिर्डी नामक कस्बे में पहुंचने के बाद मिला। शिर्डी सांई बाबा मंदिर भी यहीं बना …

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गणेश जी को दूर्वा(दूब) क्यों चढ़ाई जाती है ?

Gaṇaesh jee

पौराणिक मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था। इस दैत्य के कोप से स्वर्ग और धरती पर त्राही-त्राही मची हुई थी। अनलासुर ऋषि-मुनियों और आम लोगों को जिंदा निगल जाता था। दैत्य से त्रस्त होकर देवराज इंद्र सहित सभी देवी-देवता और प्रमुख ऋषि-मुनि महादेव से प्रार्थना करने पहुंचे। सभी ने शिवजी से प्रार्थना की कि …

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शिक्षाप्रद कहानियां – धन का मोह

dhan kaa moh

एक  नदी के किनारे एक महात्मा रहते थे। उनके पास दूर-दूर से लोग अपनी समस्याओं का समाधान पाने आते थे। एक बार एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला- महाराज! मैं लंबे समय से ईश्वर की भक्ति कर रहा हूं, फिर भी मुझे ईश्वर के दर्शन नहीं होते। कृपया मुझे उनके दर्शन कराइए। महात्मा बोले- तुम्हें इस संसार में कौन …

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गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या की कहानी

Gautam rriṣi kee patnee ahilyaa kee kahaanee

रामायण में वर्णित कथा के अनुसार राम और लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिलापुरी के वन उपवन आदि देखने के लिये निकले तो उन्होंने एक उपवन में एक निर्जन स्थान देखा। राम बोले, “भगवन! यह स्थान देखने में तो आश्रम जैसा दिखाई देता है किन्तु क्या कारण है कि यहाँ कोई ऋषि या मुनि दिखाई नहीं देते?” विश्वामित्र जी ने …

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श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी (Jagnnath Temple, Puri)

Jagnnath Temple, Puri

पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिन्दू मंदिर है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। यह भारत के उड़ीसा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। इस मंदिर को हिन्दुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है। यह वैष्णव …

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इस बार पूरे विधि-विधान से करें सोमवती अमावस्या की पूजा !

Kyo Jalate Hai Pepal Ke Peer Ke Niche Deye

सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती है। प्रत्येक मास एक अमावस्या आती है और प्रत्येक सात दिन बाद एक सोमवार। परन्तु ऐसा बहुत ही कम होता है जब अमावस्या सोमवार के दिन हो। महत्त्व पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है। अतः सोमवती अमावस्या के दिन से शुरू करके जो व्यक्ति हर अमावस्या के …

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जीवन में जरुरी है धैर्य और विनम्रता

Jeevan men jaruree hai dhairy aur vinamrataa

सिखों के तीसरे गुरु अमरदास जी के दामाद जेठाजी अत्यंत विनम्र और सहनशील व्यक्ति थे। वे गुरु अमरदास जी की बहुत सेवा करते थे। एक दिन उन्होंने जेठा जी और दूसरे दामाद रामा को एक चबूतरा बनाने के लिए कहा। दोनों ने चबूतरा बना दिया। चबूतरे को देखकर गुरुजी बोले, यह सही नहीं है। दोबारा से बनाओ। इस तरह दोबारा …

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जाने, किस भगवान को है कौन सा पुष्प प्रिय…

Jaane, kis bhagavaan ko hai kaun saa puṣp priy.

  श्रीगणेश गणेशजी को तुलसी छोड़कर हर तरह के फूल पसंद हैं। खास बात यह है कि गणपति को दूब अधिक प्रिय है। गणेशजी पर तुलसी कभी न चढ़ाएं। भगवान गणेश लाल रंग के फूलों को पसंद करते हैं। इसके अलावा गेंदे का फूल भी उन्हें प्रिय है, इसलिए भक्त इसकी माला बनाकर गणेशजी को चढ़ाते हैं। भगवान शिव भगवान …

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तिरूपति बालाजी का मंदिर, आंध्रप्रदेश

Tiroopati baalaajee kaa mndir

तिरूपति बालाजी का मंदिर, आंध्रप्रदेश (Tirupati Balaji Temple, Andhra Pradesh) तिरूपति बालाजी का मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। मंदिर सात पहाड़ों से मिलकर बने तिरूमाला के पहाड़ों पर स्थित है, कहते हैं कि तिरूमाला की पहाड़ियां विश्व की दूसरी सबसे प्राचीन पहाड़ियां है। इस तिरूपति मंदिर में भगवान वेंकटश्वर निवास …

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