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नृसिंहावतार

nrsinhaavataar

हिरण्याक्ष के वध से उसका भाई हिरण्यकशिपु बहुत दु:खी हुआ। वह भगवान का घोर विरोधी बन गया। उसने अजेय बनने की भावना से कठोर तप किया। उसे देवता, मनुष्य या पशु आदि से ना मरने का वरदान मिला। वरदान पाकर वह अजेय हो गया। हिरण्यकशिपु का शासन इतना कठोर था कि देव- दानव सभी उसके चरणों की वंदना करते रहते …

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कृपा करो श्री राम

ghoonghat ka pat khol re

कृपा करो श्री राम , सब पर कृपा करो मैं ना जानू किस विधि रीझो अपनी नज़र मेहर की कीजो आनंदकंद घनश्याम सब पर कृपा करो आज तलक तो कोई सवाली तेरे दर से गया न खाली भर दो घर में धन धान्य सब पर कृपा करो गहरी नदिया निशा अंधेरी ये  निर्दोष शरण है तेरी लो गिरते को तुम थाम सब पर कृपा करो राम राम राम सिया …

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इतना तो करना स्वामी

Suni Kanha Teri Bansuri

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकलेश्री गंगा जी का तट हो, यमुना का वंशीवट हो मेरा सांवरा निकट हो जब प्राण तन से निकले इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले पीताम्बरी कसी हो छवि मन में यह बसी हो होठों पे कुछ हसी हो जब प्राण …

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आप बिन कौन सुने प्रभु मोरी

Ho rahi hai savan ki suruvat

आप बिन कौन सुने प्रभु मेरी तुम समरथ सब लायक दाता सब पर कृपा घनेरी दास की विपद निवारण कीजे अरज करूं मैं तेरी जब जब पीर पड़ी भगतन पर तब तब की न देरी कहत कबीरा देर कहाँ की नाथ शरण मैं तेरी   wish4me in English   aap bin kaun sune prabhu meree tum samarath sab laayak daata …

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राम सुमिर राम सुमिर

man laagyo mero yaar fakeeree mein

राम सुमिर, राम सुमिर, यही तेरो काज है .. माया को संग त्याग, हरिजू की शरण लाग . जगत सुख मान मिथ्या, झूठो सब साज है .. १.. सपने जो धन पछान, काहे पर करत मान . बारू की भीत तैसे, बसुधा को राज है .. २.. नानक जन कहत बात, बिनसि जैहै तेरो दास . छिन छिन करि गयो …

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सुमरन कर ले मेरे मना

dasha mujh deen kee bhagavan sambhaaloge to kya hoga

सुमरन कर ले मेरे मना, तेरि बीति उमर हरि नाम बिना ।कूप नीर बिनु धेनु छीर बिनु, मंदिर दीप बिना, जैसे तरूवर फल बिन हीना, तैसे प्राणी हरि नाम बिना देह नैन बिन, रैन चंद्र बिन, धरती मेह बिना । जैसे पंडित वेद विहीना, तैसे प्राणी हरि नाम बिना काम क्रोध मद लोभ निहारो, छोड़ दे अब संतजना, कहे नानकशा …

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मैं हरि बिन क्यूँ जियूँ री माई

Madhu Kathabh Ki Katha

मैं हरि बिन क्यूं जिऊं री माई॥ पिव कारण बौरी भई, ज्यूं काठहि घुन खाई॥ मैं हरि बिन क्यूं जिऊं री माई॥ ओखद मूल न संचरै, मोहि लाग्यो बौराई॥ मैं हरि बिन क्यूं जिऊं री माई॥ कमठ दादुर बसत जल में जलहि ते उपजाई। मैं हरि बिन क्यूं जिऊं री माई॥ मीन जल के बीछुरे तन तलफि करि मरि जाई॥ …

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राम कृष्ण कहिये उठि भोर

shyam-small

हे राम, राम, राम राम राम, मेरे राम, मेरे रामराम कृष्ण कहिये उठि भोर राम कृष्ण कहिये उठि भोर राम कृष्ण कहिये उठि भोर राम कृष्ण कहिये उठि भोर राम राम राम कृष्ण कहिये उठि भोर अवध ईश ये धनुष धरे हैं वो बृज माखन चोर अवध ईश ये धनुष धरे हैं वो बृज माखन चोर राम, हरे राम राम …

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श्री गणपति ध्यान तथा आवाहन

gaiye ganapati jagavandan

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगत्‌ हिताय । नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥ ॐ भूर्भुवः स्वः गणपते ! इहागच्छ इहातिष्ठ सुप्रतिष्ठो भव मम पूजा गृहाण ! ॐ गणानान्त्वा गणपति (गुँ) हवामहे प्रियाणान्त्वा प्रियपति (गुँ) हवामहे निधिनान्त्वा निधिपति (गुँ) हवामहे वसो मम । आहमजानि गर्भधमात्वमजासि गर्भधम्‌ ॥ देवों के प्रिय विघ्ननियन्ता, लम्बोदर भव-भय हारी । गिरिजानन्दन देव गजानन, यज्ञ-विभूषित …

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तूँ ही मेरे रसना

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तूँ ही मेरे रसना तू ही मेरे बैना, तूँ ही मेरे स्रवना तूँ ही मेरे नैना ।तूँ ही मेरे आतम कँवल मँझारी, तूँ ही मेरे मनसा तुम्ह परिवारी । तूँ ही मेरे मन हीं तूँ ही मेरे सांसा, तूँ ही मेरे सुरतैं प्राण निवासा । तूँ ही मेरे नख सिख सकल सरीरा, तूँ ही मेरे जिय रे ज्यूं जल नीरा …

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