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दुष्ट सर्प और कौवे!!

एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड था। उस पेड पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोडा रहता था। उसी पेड के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर कव्वी घोंसले में अंडे देती और दुष्ट सर्प मौक़ा पाकर उनके घोंसले में जाकर अंडे खा जाता। एक बार जब कौआ …

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पंचतंत्र की कहानी: सुराही का जिन्न!!

एक गरीब मछुआरा बहुत परिश्रम कर के अपनी रोज़ी रोटी कमाता था। वह एक दिन में केवल चार बार समुद्र में जाल डाल कर मछ्ली पकड़ने के नियम पर चलता था। अपने उस नियम के कारण उसे कई बार घर पर खाली हाथ लौट आना पड़ता था। मछुवाराे की पत्नी भी अपने पति के इस नियम से परेशान थी। रोज़ …

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पंचतंत्र की कहानी: महामूर्ख नाई!!

एक नगर में बहुत ही दयालु पति-पत्नी रहते थे। वे आर्थिक रूप से संपन्न थे और पूजा-पाठ, दान-धर्म में बढ़-चढ़ कर हिसा लेते थे। उनके नेक व्यवहार की कीर्ति दूर-दूर तक थी और अक्सर उनके घर में मेहमानों का ताता लगा रहता था। समय कभी एक सा नहीं रहता है। एक बार उनके ऊपर घोर विपत्ति आ जाती है और …

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पंचतंत्र की कहानी: तीन काम!!

एक बार दो गरीब दोस्त किसी नगर के सेठ के पास काम मांगने जाते हैं। कंजूस सेठ तुरंत उन्हे काम पर रख लेता है और पूरे साल काम करने पर साल के अंत में दोनों को 12-12 स्वर्ण मुद्राएँ देने का वचन देता है। सेठ यह भी शर्त रखता है कि अगर उन्होंने काम ठीक से नहीं किया या किसी …

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कवि और धनवान आदमी – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!

एक दिन एक कवि किसी धनी आदमी से मिलने गया और उसे कई सुंदर कविताएं इस उम्मीद के साथ सुनाईं कि शायद वह धनवान खुश होकर कुछ ईनाम जरूर देगा। लेकिन वह धनवान भी महाकंजूस था, बोला, ‘‘तुम्हारी कविताएं सुनकर दिल खुश हो गया। तुम कल फिर आना, मैं तुम्हें खुश कर दूंगा।’’‘कल शायद अच्छा ईनाम मिलेगा।’ ऐसी कल्पना करता …

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मूर्ख लोगों की सूची – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!

एक दिन शहंशाह अकबर दरबार मे अपने लोगों के साथ बैठे थे, तभी अचानक शहंशाह बोले –अकबर – हमारे दरबार मे कितने बुद्धिमान लोग हैं। मैं एक शहंशाह हूँ। इसलिए हमारे आस पास बुद्धिमान लोग ही रहते हैं। मैं बुद्धिमान लोगो के बीच रह कर ऊब चुका हूँ। इसलिए अब मैं कुछ मूर्ख लोगो से मिलना चाहता हूँ।बीरबल वैसे तो …

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उम्र बढ़ाने वाला पेड़ – अकबर और बीरबल की कहानियाँ!!

एक बार तुर्किस्तान के बादशाह को अकबर की बुद्धि की परीक्षा के लेने का विचार हुआ। उसने एक दूत को पत्र देकर सिपाहियों के साथ दिल्ली भेजा। पत्र का मजमून कुछ इस प्रकार था- ‘अकबरशाह! मुझे सुनने में आया है कि आपके भारततवर्ष में कोई ऐसा पेड़ पैदा होता है जिसके पत्ते खाने से मनुष्य की आयु बढ़ जाती है। …

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बीरबल के गुरु!!

एक बार अकबर बादशाह के उस्ताद पीर साहब मक्का से चलकर दिल्ली आए। रास्ता न जानने की वजह से उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। अकबर बादशाह ने उनकी बड़ी आवभगत की। कुछ दिन आनन्द लेकर पीर साहब मक्का लौट गए।ज्ब पीर साहब चले गए तो अकबर बादशाह ने बीरबल से पूछा – ‘बीरबल! क्या तुम्हारे भी कोई …

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घातक एक कल्ट क्लासिक रचना है

घातक एक कल्ट क्लासिक रचना है… ऐसी फिल्म अब दोबारा से बन ही नहीं सकती…इस फिल्म को लोग ” ये मजदूर का हाथ है कात्या” जैसे डायलॉग की वजह से याद रखते हैं लेकिन ये फिल्म उससे कहीं अधिक है। फिल्म के एक सीन में काशी का पिता अस्पताल में भर्ती होता है और उसे पता लगता है कि उसके …

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ईश्वर जो कुछ भी करता है मनुष्य के भले के लिए ही करता है!!

बीरबल एक ईमानदार तथा धर्म-प्रिय व्यक्ति था। वह प्रतिदिन ईश्वर की आराधना बिना नागा किया करता था। इससे उसे नैतिक व मानसिक बल प्राप्त होता था। वह अक्सर कहा करता था कि ईश्वर जो कुछ भी करता है मनुष्य के भले के लिए ही करता है।कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि ईश्वर हम पर कृपा दृष्टि नहीं रखता, लेकिन ऐसा …

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