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बिना काटे ही छोटा करना – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!

एक दिन अकबर व बीरबल बाग में सैर कर रहे थे। बीरबल लतीफा सुना रहा था और अकबर उसका मजा ले रहे थे। तभी अकबर को नीचे घास पर पड़ा बांस का एक टुकड़ा दिखाई दिया। उन्हें बीरबल की परीक्षा लेने की सूझी।बीरबल को बांस का टुकड़ा दिखाते हुए वह बोले, ‘‘क्या तुम इस बांस के टुकड़े को बिना काटे …

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मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं,

मैं आपका चेहरा याद रखना चाहता हूं ताकि जब मैं आपसे स्वर्ग में मिलूं,तो मैं आपको पहचान सकूं और एक बार फिर आपका धन्यवाद कर सकूं।जब एक टेलीफोन साक्षात्कार में भारतीयअरबपति रतनजी टाटा से रेडियो प्रस्तोता ने पूछा:“सर आपको क्या याद है कि आपको जीवन में सबसे अधिक खुशी कब मिली”?रतनजी टाटा ने कहा:“मैं जीवन में खुशी के चार चरणों …

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असली यज्ञ कौन-सा हैं ?

महाभारत का एक प्रसंग हैं, अश्वमेध यज्ञ चल रहा था, बड़े-बड़े ॠषियों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी जा रही थी….. कहतें हैं, कि उस यज्ञ में बड़े-बड़े देवता आये, यहाँ तक कि देवराज इन्द्र तक भी उपस्थित हुये,स्वयं भगवान् श्रीकॄष्ण तक वहाँ साक्षात् उपस्थित थे। दान देने का उपक्रम चल रहा था, अश्वमेध यज्ञ की पूर्णाहुति की पावन वेला थी, …

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तपस्विनी की स्वदेश निष्ठा !!

पेशवा नारायणराव की पुत्री सुनंदा ने अपनी बुआ रानी लक्ष्मीबाई की तरह अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती देकर निर्भीकता का परिचय दिया। सुनंदा को अंग्रेजों ने त्रिचनापल्ली की जेल में बंद कर दिया । वहाँ से मुक होते ही वे एकांत में भक्ति-साधना करने नैमिषारण्य जा पहुँचीं। वहाँ वे परम विरक्त संत गौरीशंकरजी के संपर्क में आईं। संतजी सत्संग के …

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असली उम्र

एक बार एक आदमी किसी गाँव के पास से गुजर रहा था । उस रास्ते में श्मशान भूमि थी, उसने श्मशान भूमि में पत्थरों के ऊपर मरने वाले की उम्र लिखी हुई देखी 5 वर्ष, 8 वर्ष, 10 वर्ष और 20 वर्ष ।उस आदमी ने सोचा कि इस गांव में सभी की मृत्यु अल्प आयु में ही हो जाती है …

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अहोई अष्टमी व्रत कथा, पूजा विधि व उद्यापन विधि!

करवा चौथ के ठीक 4 दिन बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। इसे अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है। जिस वार की दीपावली होती है अहोई आठें भी उसी वार की पड़ती है। इस व्रत को वे स्त्रियाँ ही करती हैं जिनके सन्तान होती हैं। यह व्रत संतान …

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शहरयार और शहरजाद की शादी ~ अलिफ लैला !!

एक बड़ा व्यापारी था जिसके गाँव में बहुत-से घर और कारखाने थे जिनमें तरह-तरह के पशु रहते थे। एक दिन वह अपने परिवार सहित कारखानों को देखने के लिए गाँव गया। उसने अपनी पशुशाला भी देखी जहाँ एक गधा और एक बैल बँधे हुए थे। उसने देखा कि वे दोनों आपस में वार्तालाप कर रहे हैं। वह व्यापारी पशु-पक्षियों की …

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व्यापारी और दैत्य की कहानी ~ अलिफ लैला!!

प्राचीन काल में एक अत्यंत धनी व्यापारी बहुत-सी वस्तुओं का कारोबार किया करता था। यद्यपि प्रत्येक स्थान पर उसकी कोठियाँ, गुमाश्ते और नौकर-चाकर रहते थे तथापि वह स्वयं भी व्यापार के लिए देश-विदेश की यात्रा किया करता था। एक बार उसे किसी विशेष कार्य के लिए अन्य स्थान पर जाना पड़ा। वह अकेला घोड़े पर बैठ कर चल दिया। गंतव्य …

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गरीक बादशाह और हकीम दूबाँ की कहानी ~ अलिफ लैला!!

हकीम दूबाँ बादशाह से विदा होकर अपने निवास स्थान पर आया। उसी दिन उसने कोढ़ की दवाओं से निर्मित एक गेंद और उसी प्रकार एक लंबा बल्ला बनवाया और दूसरे दिन बादशाह को यह चीजें देकर कहा कि आप घुड़सवारी की गेंदबाजी (पोलो) खेलें और इस गेंद-बल्ले का प्रयोग करें। बादशाह उसके कहने के अनुसार खेल के मैदान में गया। …

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तीसरे बूढ़े और उसके खच्चर की कहानी ~ अलिफ लैला!!

तीसरे बूढ़े ने कहना शुरू किया : ‘हे दैत्य सम्राट, यह खच्चर मेरी पत्नी है। मैं व्यापारी था। एक बार मैं व्यापार के लिए परदेश गया। जब मैं एक वर्ष बाद घर लौटकर आया तो मैंने देखा कि मेरी पत्नी एक हब्शी गुलाम के पास बैठी हास-विलास और प्रेमालाप कर रही है। यह देखकर मुझे अत्यंत आश्चर्य और क्रोध हुआ …

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