मेरो कारो कारो श्याम ब्रिज में होली खेलन आइयो
होके पीलो लाल कन्हिया लेके रंग गुलाल
मेरो कारो कारो श्याम ब्रिज में होली खेलन आइयो
हाथ पकड़े रंग लगावे तनिक न उसे लाज न आवे
ऐसो है निरमोही कन्हिया लाज शर्म न उसको मैया
ऐसा है नटखट गोपाला मोहे अंग लगायो
ब्रिज में होली खेलन आइयो……
कस के बहिया मोरी ब्जोड़ी,
कांच की सारी चूड़ी तोड़ी
इत उत ढोले आगे पीछे चोली का मन चुनर खिचे
भर भर के पिचकारी मारे ऐसो खेल दिखायो
ब्रिज में होली खेलन आइयो……
होली आई ब्रिज की होली
जो तू है गोकुल का ग्वाला बरसाने की मैं हु छोरी,
प्रेम जाल में मोहे फसा के बाँधी ऐसी प्रीत की डोरी
इक पल भी बस दूर न जाओ ऐसो अपना बनायो
ब्रिज में होली खेलन आइयो………