ब्रिज में शोर है कन्हिया चित चोर है,
के बच के रेहना कान्हा से बड़ा ही मुह जोर है,
ब्रिज में शोर है कन्हिया चित चोर है,
सारे ग्वाल गोपियों से पूछ लो बात तुम,
गोकुल की गलियों से भी पूछ लो बात तुम
बड़ा ही चंचल है ये माखन चोर है
के बच के रेहना कान्हा से बड़ा ही मुह जोर है,
ब्रिज में शोर है कन्हिया चित चोर है,
बंसी बजा के छलियाँ जादू कर देता है
अपनी अदाओं से ये चैन लुट लेता है,
बड़ा ही रसिया है ये नन्द किशोर है,
के बच के रेहना कान्हा से बड़ा ही मुह जोर है,
ब्रिज में शोर है कन्हिया चित चोर है,
चीर चुराता है ये कर बार जोरी भी,
गोपियों से रार करे लाज नही थोड़ी भी
चोखानी ये दुनिया तो इसी की और है
के बच के रेहना कान्हा से बड़ा ही मुह जोर है,
ब्रिज में शोर है कन्हिया चित चोर है,,,,,,,,