एक बार अमरीका के एक छोटे शहर में मेला लगा। उस शहर में काले-गोरे दोनों रंग के लोग रहते थे। मेले में एक रंग-बिरंगे गुब्बारे बेचनेवाला व्यक्ति भी आया हुआ था। उसके गुब्बारों में हीलियम गैस भरी होने के कारण आकाश में उड़ रहे थे। जिनका एक सिरा उसकी दुकान से बंधा हुआ था।
जब कभी उसकी बिक्री कम होने लगती, तो वह एक गुब्बारे को खोलकर हवा में उड़ा देता। उसे उंचाई पर उड़ते देख बच्चे उत्साहित हो उठते और उसके पास गुब्बारे खरीदने के लिए आने लगते थे।
एक काला बच्चा यह सब बड़े ध्यान से देख रहा था। अचानक वह गुब्बारेवाले के पास आया और बोला, ‘मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं।’ गुब्बारेवाले ने उसे प्रोत्साहित करते हुए कहा, ‘हां’ पूछो, ‘क्या जानना चाहते हो?’
बच्चे ने कहा, ‘यही कि काले रंग का गुब्बारा भी आसमान पर उड़ेगा इसे देखकर यकीन नहीं होता?’ उस मासूस बच्चे का सवाल सुनकर गुब्बारेवाले की आंखें नम हो उठीं।
उसने बड़े प्रेम से बच्चे को समझाया, ‘बेटे गुब्बारा हो या मनुष्य, उसके ऊपर उठने से उसके रंग का कोई संबंध नहीं है। उसके अंदर जो चीज है, वही उसे ऊपर उठाता
In English
Once a fair in a small city in the United States. In that city people lived in both black and white colors. A person who had a colorful balloonist came to the fair also. His balloons were flying in the sky due to helium gas filled. One end was tied to his shop.
Whenever his sales started getting low, he would open a balloon and blow it in the air. The children were excited to see him flying high and he used to come to buy balloons.
A black child was watching all this with great care. Suddenly he came to the balloon and said, ‘I want to ask you a question.’ The ballooner encouraged him and said, ‘Yes’, ask, ‘What do you want to know?’
The child said, ‘It is not that the black color balloon will fly over the sky?’ After hearing the question of that deceased child, the ballooner eyes became moist.
He explained to the child with great love, “Son is a balloon or a man, there is no relation to his color by rising up. The thing that’s inside him raises him up