सितारा भी कभी इतनी गर्दिश में पड़ गया था कि उन्हें अपना गुजारा चलाने के वास्ते दोयम दर्जे की फ़िल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं करने को मजबूर होना पड़ा था।अलीगढ़ में 1920 में जन्मे भारत भूषण गायक बनने का ख्वाब लिए बम्बई की फ़िल्म नगरी में पहुंचे थे, लेकिन जब इस क्षेत्र में उन्हें मौका नहीं मिला तो उन्होंने निर्माता-निर्देशक केदार …
Read More »Baby Name
कामदेव
दूसरे दिन ब्राह्म-मुहूर्त्त में निद्रा त्याग कर मुनि विश्वामित्र तृण शैयाओं पर विश्राम करते हुये राम और लक्ष्मण के पास जा कर बोले, हे राम और लक्ष्मण! जागो। रात्रि समाप्त हो गई है। कुछ ही काल में प्राची में भगवान भुवन-भास्कर उदित होने वाले हैं। जिस प्रकार वे अन्धकार का नाश कर समस्त दिशाओं में प्रकाश फैलाते हैं उसी प्रकार …
Read More »रानी अहिल्याबाई होल्कर
रानी अहिल्याबाई होल्कर मराठा साम्राज्य की एक प्रतिष्ठित और आदर्श शासिका थीं, जिन्होंने 18वीं शताब्दी में मालवा क्षेत्र पर शासन किया था। उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौड़ी गाँव में हुआ था। वे होल्कर वंश के मल्हारराव होल्कर की पुत्रवधू और खंडेराव होल्कर की पत्नी थीं। अहिल्याबाई होल्कर का शासन 1767 में अपने पुत्र …
Read More »साधना
इस फिल्म में एक गाना था जिसे लोग आज भी गुनगुनाते हुए नजर आते हैं और वो है ‘मुड़ मुड़ के न देख मुड़ मुड़ के’। इस गाने में साधना कोरस गर्ल में नजर आई थीं। कहा जाता है कि इसी गाने की शूटिंग के दौरान साधना और राज कपूर की अनबन हो गई थी। यहां तक कि वह राज …
Read More »हम सब ज़िम्मेदार हैं
अमेरिका में एक पंद्रह साल का लड़का था, स्टोर से चोरी करता हुआ पकड़ा गया। पकड़े जाने पर गार्ड की गिरफ्त से भागने की कोशिश में स्टोर का एक शेल्फ भी टूट गया। जज ने जुर्म सुना और लड़के से पूछा, “क्या तुमने सचमुच चुराया था ब्रैड और पनीर का पैकेट”?लड़के ने नीचे नज़रें कर के जवाब दिया- जी हाँ।जज …
Read More »शंकर जयकिशन
“बरसात” के बाद शैलेन्द्र आर के कैंप का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए थे। राज कपूर और शंकर जयकिशन से उनकी करीबी दोस्ती हुई थी। ख़ास कर शंकर से उनकी ज्यादा जमती थी। आर के की श्री 420 के लिए गीतों का काम चल रहा था। शैलेन्द्र ने एक गीत का मुखड़ा लिखा और शंकर को दिखाया, शंकर बोले वाह शैलेंदर …
Read More »प्रख्यात लेखक रामदरश मिश्र
रामदरश मिश्र की गजलों में प्रेम, प्रकृति, शहर, गांव, मनुष्य, घर परिवार, एवं निजी अनुभवों की तमाम यात्राएं शामिल हैं. सामाजिक राजनीतिक जीवन की विडंबनाए भी. धार्मिकता के स्याह चेहरे भी. पर आम आदमी के पक्ष में उनकी आवाज में करुणा नजर आती है. कविताएं रामदरश जी की रचनात्मकता का पुराना ठीहा हैं तो ग़ज़लें उनके कवित्व का नया विस्तार. …
Read More »एक नेकी की कहानी
इस कहानी में एक महिला अपने बीमार बच्चे के इलाज के लिए प्रफुल्ल शर्मा की मदद मांगती है। प्रफुल्ल जी ने उसकी मदद की और बच्चे को इलाज करवाया। इस.
Read More »वाणी का महत्व
इस कहानी में वाणी के महत्व को विविधता से बताया गया है। एक अन्धे की झोपड़ी के माध्यम से राजा ने सीखा कि वाणी का प्रयोग किस प्रकार व्यक्तित्व..
Read More »एक अजीबोगरीब दावत
इस हिंदी कहानी में, एक समूह की जनता एक सड़क दुर्घटना के बाद एक बेहोश बुढ़िया को जागृत कैसे करें, उस पर विचार करती है। जब पारंपरिक तरीके......
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