एक बार की बात है रमा अपने बेटे की शादी के लिए सुमन नाम की लड़की देखने गयी। सुमन के घर पहुंचकर उनको पता चला की वह बच्चों को tution भी पढ़ाती है। रमा के बेटे और सुमन के बीच बात के बाद रमा ने सुमन से कहा की हम नहीं चाहते की हमारी बहु बच्चों को पढ़ाये इसलिए शादी …
Read More »Baby Name
फांसी से वापसी
एक बार की बात है अकबर को उनकी रानी ने कहा की आप केवल अपने दरबार में बीरबल की तारीफ करते है। मानसिंह जो की मेरा भाई है वह भी तो उतना ही बुद्धिमान है लेकिन आप उसकी इतनी तारीफ नहीं करते। अकबर ने कहा की मानसिंह भी होशियार है लेकिन बीरबल सभी वजीर में से सबसे ज़्यादा बुद्धिमान है। …
Read More »स्वर्ग की यात्रा
एक बार बादशाह अकबर के बाल नाई काट रहा था। नाई बोला हुजूर आपने यहाँ राज्य में तो सबके लिए अच्छा प्रबंध किया है लेकिन आपके स्वर्ग में जो पूर्वज है उनके हालचाल के बारे में पता है वह वहाँ ठीक तो है ना। उनको किसी चीज़ की कमी तो नहीं है। अकबर ने बोला कैसी पागलों जैसी बात कर …
Read More »कंजूस सेठ
एक बार धनिचंद नाम का एक सेठ था। वह बहुत कंजूस था। उसके पास कोई भी नौकर ज्यादा दिन तक नहीं टिकता था क्योंकि वह काम पर रखने से पहले नौकर के सामने तीन शर्त रख देता था। जिसको कोई भी पूरी नहीं कर पाता था। एक दिन मदन नाम का एक लड़का सेठ के पास नौकरी मांगने आया। वह …
Read More »तीन मछलियाँ नैतिक कहानी हिंदी में
एक नदी के किनारे उसी नदी से जुडा एक बडा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं। उस जलाशय में भी नदी से बहुत-सी मछलियां आकर रहती थी। अंडे देने के लिए तो सभी मछलियां उस जलाशय में आती थी। …
Read More »खर्चीली सास
एक बार की बात है सीमा नाम की एक महिला थी। उसकी एक सास थी जिसका नाम रमा था। जो की बहुत खर्चीली थी। सीमा जहाँ बचत पर जोर देती थी वही उसकी सास कोई बचत नहीं करती और बेफजूल खर्च करती थी। एक बार सीमा ने अपनी सास को कुछ पैसे रखने के लिए दिए जिसको वह अगले दिन …
Read More »चार भाइयों की कहानी
एक बार की बात है एक गाँव में एक मछुआरा रहता था उसके चार लड़के मोहन, सोहन , अनिल और कपिल थे। मछुआरा नदी में जाकर मछलियाँ पकड़ता था और उसको लेकर जाकर मार्किट में बेच देता था। जिससे उनके खाने का गुजारा ही केवल हो पाता था। एक दिन मछुआरा अपने चारों लड़कों को बुलाता है और कहता है …
Read More »क्षणभंगुर जीवन
सभी धर्मों में मानव जीवन को क्षणभंगुर बताते हुए हर क्षण सत्कर्म व अपने कर्तव्यपालन में लगे रहने की प्रेरणा दी गई है। कहा गया है कि भगवान् व मृत्यु को हर क्षण याद रखना चाहिए ।
Read More »आसक्ति से पतन
जैन संत आचार्य तुलसी कहते थे कि किसी भी तरह की आसक्ति या महत्त्वाकांक्षा से सर्वथा मुक्त रहने में ही कल्याण है। वे भरत की कथा सुनाते हुए चेतावनी दिया करते थे कि हिरण की आसक्ति के कारण ही उन्हें हिरण बनना पड़ा था। एक दिन उन्होंने एक कथा सुनाई एक महात्मा की घोर तपस्या से उनके आश्रम में सिंह …
Read More »सत्कर्म की प्रेरणा
महामना पंडित मदनमोहन मालवीयजी श्रीमद्भागवत के गहन अध्येता थे। एक बार संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी मालवीयजी के दर्शन करने काशी गए। उन्होंने उनसे प्रश्न किया, ‘आपको श्रीमद्भागवत के किस श्लोक ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया?’ महामना ने कहा 'मनसैतानि भूतानि प्रणमेद्रहु मानयन। ईयवरो जीवकलया प्रविष्टो भगवानिति॥ अर्थात् सभी प्राणियों में भगवान् ने ही अंशभूत जीव के रूप में प्रवेश किया है, …
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