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शेखचिल्ली की कहानी : दूसरी कहानी!!

doosaree kahaanee

अपनी नासमझी की वजह से शेखचिल्ली कई सारी नौकरियों से हाथ धो बैठा था। कुछ समय बाद शेखचिल्ली को अपने पास की ही एक दुकान में काम मिल गया। उसे रोज दुकानदार कुछ सामान दूसरी जगह पर पहुंचाने को कहता था। इसी तरह एक दिन दुकानदार ने शेख को एक नमक की बोरी देकर किसी अन्य गांव पहुंचाने के लिए …

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शेख चिल्ली की कहानी : पहली कहानी!!

shaikh chili story

शेखचिल्ली को एक बार किसी सेठ के घर नौकरी मिल गई। शेख उसके घर के सारे काम कर दिया करता था। सेठ को भी तसल्ली थी कि घर में कोई हाथ बंटाने वाला आ गया है। वो सोचते थे कि अब सारा काम आसानी से हो जाएगा और मुझे किसी चीज की फिक्र भी करनी नहीं पड़ेगी। शेख ने भी …

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सिंहासन बत्तीसी की तेरहवीं कहानी – कीर्तिमती पुतली की कथा!!

keertimatee putalee kee katha

बारहवीं पुतली की कहानी को सुनकर जैसे ही राजा भोज महाराज विक्रमादित्य के सिंहासन की ओर बढ़े तभी वहां पर तेरहवीं पुतली आ गई। तेरहवीं पुतली का नाम कीर्तिमती था। उसने राजा भोज को यह पूछते हुए रोक लिया कि क्या राजा विक्रमादित्य में मौजूद सभी खूबियां आपके अंदर है? राजा भोज ने हाथ जोड़ते हुए निवेदन किया कि हे …

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सिंहासन बत्तीसी की छठी कहानी – रविभामा पुतली की कथा!!

ravibhaama putalee kee katha

पांचवीं पुतली से महाराज विक्रमादित्य की कहानी सुनकर जैसे ही राजा भोज सिंहासन पर बैठने लगे, तभी उन्हें छठवीं पुतली रविभामा ने रोक लिया। उसने राजा से पूछा कि क्या सच में वो इस सिंहासन पर बैठने योग्य हैं। रविभामा ने पूछा, क्या आप में महाराज विक्रमादित्य का वो गुण है, जो उन्हें सिंहासन पर बैठने योग्य बनाता था। जब …

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सिंहासन बत्तीसी की नौवीं कहानी – मधुमालती पुतली की कथा!!

madhumaalatee putalee kee katha

नवें दिन राजा भोज दरबार पहुंचे और विक्रमादित्य के सिंहासन पर बैठने लगे। इस बार उन्हें नवीं पुतली ने सिंहासन पर बैठने से रोक दिया। उसने कहा, “यहां बैठने के लिए तुम्हें राजा विक्रमादित्य जैसा होना पड़ेगा।” इतना कहकर वह विक्रमादित्य के गुणों को बताने के लिए कहानी सुनाने लगी। सालों से शासन करते हुए एक बार राजा विक्रमादित्य के …

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सिंहासन बत्तीसी की दसवीं कहानी – प्रभावती पुतली की कथा!!

prabhaavatee putalee kee katha

दसवें दिन दोबारा राजा भोज सिंहासन पर बैठने के लिए दरबार पहुंचे, तभी दसवीं पुतली प्रभावती ने सिंहासन से निकलकर उन्हें वहां बैठने से रोक दिया। प्रभावती ने कहा कि पहले आप राजा विक्रमादित्य की दयालुता की कथा सुनिए। अगर आप भी विक्रमादित्य जैसे दयालु होंगे, तो सिंहासन पर बैठ जाना। इतना कहने के बाद दसवीं पुतली राजा भोज को …

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अकबर बीरबल की कहानी: धोखेबाज काजी!!

एक बार की बात है, मुगल दरबार में बादशाह अकबर अपने दरबारियों के साथ किसी मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। उसी समय वहां एक किसान अपनी फरियाद लेकर आया और बोला, “महाराज न्याय करो। मुझे इंंसाफ चाहिए।” यह सुनकर बादशाह अकबर बाेले कि क्या हुआ। किसान बोला, “महाराज मैं एक गरीब किसान हूं। कुछ समय पहले मेरी पत्नी का …

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शेखचिल्ली की कहानी : बेगम के पैर!!

यह कहानी उन दिनों की है जब झज्जर शहर महेंद्रगढ़ का ही हिस्सा हुआ करता था। उस दौरान भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में विदेशियों के हमले हो रहे थे। पानीपत, रोहतक और दिल्ली जैसे शहरों पर खतरा ज्यादा था। उन दिनों नवाब झज्जर में मौजूद बुआवाल तालाब की मरम्मत करवा रहे थे, ताकि मुसीबत के समय रेवाड़ी के लोगों को …

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बोलने वाली गुफ़ा!!

एक जंगल में खरनखर नामक शेर रहता था. एक दिन वह शिकार की तलाश में बहुत दूर निकल गया. शाम हो चुकी थी. कोई शिकार हाथ नहीं लगा था. ऊपर से वह थक कर चूर हो चुका था. तभी उसे एक गुफ़ा दिखाई पड़ी. वह गुफ़ा के अंदर चला गया. गुफ़ा खाली थी. शेर ने सोचा – अवश्य यहाँ रहने …

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शेर और घमंडी बारहसिंगा की कहानी!!

एक जंगल में एक बारहसिंगा  रहता था. उसके बारह सींग थे, जो बहुत सुंदर थे. मगर पैर पतले और भद्दे थे. उसे अपने सींगों पर बड़ा घमंड था. जब भी वह नदी पर पानी पीने  जाता, तो नदी के स्वच्छ और शांत जल में अपने सुंदर सींगों को देखकर बहुत खुश होता. किंतु अपने पैरों को देखकर दु;खी हो जाता.  वह …

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