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Friendship

खुनी झील

एक बार की बात है एक जंगल में एक झील थी। जो खुनी झील के नाम से प्रसिद्ध थी। शाम के बाद कोई भी उस झील में पानी पिने के लिए जाता तो वापस नहीं आता था। एक दिन चुन्नू हिरण उस जंगल में रहने के लिए आया। उसकी मुलाकात जंगल में जग्गू बन्दर से हुई। जग्गू बन्दर ने चुन्नू …

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वो बंद दरवाजे बुलाते हैं पर कोई नहीं आता

किसी दिन सुबह उठकर एक बार इसका जायज़ा लीजियेगा कि कितने घरों में अगली पीढ़ी के बच्चे रह रहे हैं? कितने बाहर निकलकर नोएडा, गुड़गांव, पूना, बेंगलुरु, चंडीगढ़,बॉम्बे, कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद, बड़ौदा जैसे बड़े शहरों में जाकर बस गये हैं? कल आप एक बार उन गली मोहल्लों से पैदल निकलिएगा जहां से आप बचपन में स्कूल जाते समय या दोस्तों …

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बहन के लिए…✍️

बहन की शादी को 6 साल हो गए हैं।मैं कभी उसके घर नही गया। होली दिवाली #रक्षाबंधन पर कभी-2 मम्मी पापा जाते हैं।मेरी बीवी एक दिन मुझे कहने लगी आपकी बहन जब भी आती है उसके बच्चे घर के हाल बिगाड़ कर रख देते हैं। ख़र्च डबल हो जाता है और तुम्हारी मां हमसे छुप, छुपाकर कभी उसको साबुन की …

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सरकार द्वारा दी जा रही राहत पर एक अर्थशास्त्री की सटीक व्याख्या…

राहत पैकेज को ऐसे समझें… एक बार 10 मित्र जिनमें कुछ फटेहाल, कुछ ठीक ठाक और कुछ सम्पन्न लग रहे थे, एक ढाबे में खाना खाने गए। बिल आया 100 रु। 10 रु की थाली थी। मालिक ने तय किया कि बिल की भागीदारी देश की कर प्रणाली के अनुरूप ही होगी। इस प्रकार – पहले 4 बेहद गरीब (बेचारे) …

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जियेंगे तो साथ में – मरेंगे तो साथ में

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यह story एक ऐसे लड़के-लड़की की है जिनका प्यार एक मिशाल है. आज के दुनिया के लिए. ऐसी lover के लिए जो रोज ही अपना प्यार बदलते है. जो आज किसी के साथ तो कल किसी और के साथ. मैं यही कहुगी प्यार हो तो उनके जैसा. सभी को प्यार चाहिए मगर प्यार देना कोई नहीं जानता.

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भाईचारे की भावना

भाईचारे की भावना मन को मन से व हृदय से हृदय को जोड़ती है। परिवार और समाज भाईचारे की भावना पर खड़े हैं। परिवार में समरूपता और सभ्य समाज इसी के परिणाम हैं। भाईचारे के वातावरण में प्रेम एवं सद्भाव की दिव्यता छलकने लगती है। इसके अभाव में वैमनस्य, विघटन, अलगाव और अविश्वास का वातावरण बनता है। समाज में दुर्भावनाएं …

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मित्रता हमेशा सज्जन औऱ विद्वानों के साथ ही करनी चाहिए

विश्व विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार उनसे से कहा–“सर,मैं इतने वर्षों से आपके साथ हूँ…मैंने हर सेमिनार औऱ मीटिंग में आपके द्वारा दिए गए प्रत्येक भाषण को बहुत ग़ौर से सुना और याद किया है।”आइंस्टीन ये सुनकर बहुत हैरान हुए…कुछ देर तक बहुत गम्भीरता से सोंचने के बाद उन्होंने ड्राइवर से कहा- “ठीक है,अगले आयोजक मुझे …

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नैतिक शिक्षा देती

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  शहर की तंग गलियों के बीच एक पुरानी ताले की दूकान थी। लोग वहां से ताला-चाबी खरीदते और कभी-कभी चाबी खोने पर डुप्लीकेट चाबी बनवाने भी आते। ताले वाले की दुकान में एक भारी-भरकम हथौड़ा भी था जो कभी-कभार ताले तोड़ने के काम आता था। हथौड़ा अक्सर सोचा करता कि आखिर इन छोटी-छोटी चाबियों में कौन सी खूबी है …

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रघु और मैं

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                  दीवाली की रात थी। सारे मुहल्ले में रंग-बिरंगी बत्तियां झिलमिल-झिलमिल कर रही थीं। मैं अपनी छत पर खड़ा देख रहा था। वह दृश्य मेरे मन को मुग्ध कर रहा था। सामने वाला घर तेल के दीयों और मोमबत्तियों के प्रकाश से जगमगा रहा था। उसके छज्जे पर खड़ा लड़का एक के …

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