नंद के लाला यशोदा के प्यारेराधा के प्रियतम ओह मोहन प्यारे….-2 वन में थे तुम तो गउए चरातेग्वालिनों से थे माखन चुराते -2गोवर्धन को नक पे थे धारे।राधा के प्रियतम ओह मोहन प्यारे।नंद के लाला यशोदा के प्यारे…… कुंझ गलियां में थे रास रचातेराधिका जी को तुम थे रिझाते -2बंसी बजा के जमुना किनारे।राधा के प्रियतम ओह मोहन प्यारे।नंद के …
Read More »God Goddess
नरकासुर वध
आज की यह कहानी दीपावली से संबधित है । भागवत पुराण में बताए अनुसार, भगवान श्रीविष्णु ने वराह अवतार धारण कर भूमि देवता को समुद्र से निकाला था । इसके बाद भूमि देवता ने एक पुत्र को जन्म दिया । उसका नाम भौम था । पिता एक परमदेव और माता पुण्यात्मा होने पर भी पर भौम क्रूर था, इसलिए उसका …
Read More »देवी लक्ष्मी कहां विराजमान रहती है
एक दिन धर्मराज युधिष्ठिर ने पितामह भीष्म से पूछा, ‘‘पितामह ! क्या करने से मनुष्य के दुःखों का नाश होता है ? कोई मनुष्य दुःखी होनेवाला है अथवा सुखी होनेवाला है, यह कैसे समझ सकते हैं ? किसका भविष्य उज्ज्वल होगा और किसका पतन होगा यह कैसे पता चल सकता है ? पितामह भिष्म ने कहां, ‘‘पुत्र इस विषय में …
Read More »प्रभु श्रीराम की बहन शांता और ऋष्यश्रृंग
आप सभी को ज्ञात होगा कि श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न राजा दशरथ के पुत्र थे । इनके साथ ही राजा दशरथ और रानी कौशल्या की शांता नाम की एक कन्या भी थी । शांता उनकी पहली संतान थी । अर्थात वह प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न इनकी बहन थी । शांति और सद्भाव का प्रतीक थी । रानी …
Read More »भगवान शिवजी का गृहपति अवतार !
भगवान विष्णु के अनेक अवतार हुए हैं, वैसेही भगवान शिवजी के भी अवतार हुए है । भगवान शिवजी के अनेक अवतारों में से सातवे अवतार है गृहपति । आज हम उनके इस अवतार की कथा सुनेंगे । नर्मदा नदी के तट पर धर्मपुर नाम का एक नगर था । वहां विश्वानर नाम के एक ऋषि और उनकी पत्नी शुचिष्मती रहती …
Read More »नामस्मरण का महत्त्व : भक्त प्रल्हाद
आज हम देवता के नामजप का महत्त्व और उसमें कितनी शक्ति होती है, यह, कथा के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे । जो देवता का नामजप करता है, वह देवता का भक्त हो जाता है । देवता अपनी भक्तों की सदा रक्षा करते हैं । भगवान ने भक्तों को वचन दिया है, ‘न मे भक्त: प्रणश्यती ।’ अर्थात ‘मेरे …
Read More »गोदावरी नदी की जन्मकथा
आपने कभी नहाते समय बोला जानेवाला एक मंत्र सुना है ? गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती ।नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु ॥ इस श्लोक का अर्थ है, हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों ! मेरे स्नान के इस जल में आप सभी पधारिये और मुझे पवित्र कीजिए । भगवान शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंग हमारी पवित्र …
Read More »लक्ष्मणजी की तपस्या प्रभु श्रीरामजी के साथ !
प्रभु श्रीरामजी के तीनों भाई अर्थात् लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न उनकी सेवा करते थे । वे श्रीरामजी को पिता समान मानते थे और उनकी आज्ञा का पालन करते थे । प्रभु श्रीरामजी के साथ लक्ष्मणजी वनवास गए थे । प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण इनमें अगाध प्रेम था । रावण के साथ जब महाभयंकर युद्ध हुआ था, तब लक्ष्मणजी ने रावण …
Read More »शनि जयंती का दिन शनि देव की कृपा पाने और शनि दोष, साढ़े साती, ढैय्या आदि से राहत पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन होता है. इस दिन किए गए उपाय कई गुना ज्यादा और तेजी से असर दिखाते हैं.
काला धागा बांधने के फायदे :- पैर, हाथ या गले में कई लोग काला धागा धारण करते हैं. इसके पीछे कई कारण होते हैं. धर्म और ज्योतिष में काला धागा धारण करने के फायदे बताए गए हैं. काले रंग का संबंध शनि देव से है. हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. इस साल 30 …
Read More »माता शबरी बोली- यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो राम तुम यहाँ कहाँ से आते?”
राम गंभीर हुए। कहा, “भ्रम में न पड़ो अम्मा! राम क्या रावण का वध करने आया है? छी… अरे रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से वाण चला कर भी कर सकता है। राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल तुमसे मिलने आया है अम्मा, ताकि हजारों वर्षों बाद जब कोई पाखण्डी भारत …
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